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केरल: बारिश से 4 लोगों की मौत, तीन लापता, कई जिलों में ‘रेल अलर्ट’

By भाषा | Updated: July 22, 2019 03:33 IST

दक्षिणी राज्य के कन्नूर और कसारगोड जिलों में 23 जुलाई को भारी बारिश का भी अनुमान जताया गया है। विभाग ने कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम के लिए 25 जुलाई तक ‘ओरेंज अलर्ट’ भी जारी किया है।

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केरल में बारिश का दौर जारी रहने के बीच चार लोगों की मौत हो गई और तमिलनाडु के दो मछुआरों समेत तीन लोग लापता हैं। केरल के कासरगोड, इडुक्की, कोझीकोड और कन्नूर जिलों में 23 जुलाई तक ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। तटीय पुलिस ने बताया कि तमिलनाडु के लापता मछुआरों में से एक सहायराजू (55) का शव कोल्लम जिले में मिला। दो अन्य मछुआरें तैरकर सुरक्षित बच गये।

एक तटीय पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘लापता दो अन्य मछुआरों की तलाश की जा रही है। एक तटरक्षक जहाज और समुद्री प्रवर्तन की दो नावें उन्हें खोज रही हैं।’’

कोट्टायम जिले की मीनाचिल नदी में लापता हुए मनेश सेबस्टियन का शव नौसेना ने बरामद कर लिया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 21 जुलाई को कसारगोड और इडुक्की जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर जिलों में 22 जुलाई के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

दक्षिणी राज्य के कन्नूर और कसारगोड जिलों में 23 जुलाई को भारी बारिश का भी अनुमान जताया गया है। विभाग ने कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम के लिए 25 जुलाई तक ‘ओरेंज अलर्ट’ भी जारी किया है।

केरल सरकार ने पर्यटकों को खतरे का हवाला देते हुए राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में ‘शंकमुगम बीच’ से दूर रहने को कहा है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की भी सलाह दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य के तटीय इलाकों से सैकड़ों मकानों को खाली करा लिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहाड़ी इडुक्की जिले में कोन्नाथाडी गांव में शनिवार की सुबह हुई भूस्खलन की एक मामूली घटना में फसल को नुकसान हुआ। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन के सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को कोशी वर्गीज (53) थिरुवल्ला में मणिमाला नदी में मछली पकड़ने के दौरान डूब गए और नारियल के एक पेड़ गिरने से कोल्लम के दिलीप कुमार (54) की मौत हो गई।

फोर्ट कोच्चि समुद्र तट पर स्नान करने गया एक व्यक्ति भी लापता है। निचले इलाकों में रहने वाले और वे लोग जिनके घर बाढ़ की चपेट में आ गये हैं, उनके लिए 12 राहत शिविर खोले गये हैं। प्राधिकरण के अनुसार राज्य में अब तक 13 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है और 71 मकान आंशिक रूप से। केन्द्रीय जल आयोग की वेबसाइट में कहा गया है कि पेरियार, पाम्बा और चलियार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। 

टॅग्स :केरलतिरुवनंतपुरमबाढ़
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