तिरुवनंतपुरम:केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को राज्य विधानसभा में विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक पारित करने के लिए राज्य की वाम सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिल की मंजूरी कुलपति के कर्तव्यों में कार्यकारी हस्तक्षेप के समान होगी। बिल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "सब कुछ मेरिट के आधार पर माना जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार को कुलपतियों को संचालित करने की शक्ति नहीं दी जा सकती है। मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि यह कार्यपालिका का हस्तक्षेप होगा। सीएम ने मुझे पत्र लिखकर आश्वासन दिया कि कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और अब वे प्रस्ताव कर रहे हैं कि वे कुलपति की नियुक्ति करेंगे। इसका मतलब होगा शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता का क्षरण। जब तक मैं यहां हूं, विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता का क्षरण नहीं होने दूंगा।"
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी तीन साल पहले कन्नूर में हुए हमले को याद करते हुए पूछा, "पुलिस को मामला दर्ज करने से किसने रोका? गृह विभाग को किसने रखा? आप राज्यपाल के कार्यालय को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। आपने अपनी हर चाल की कोशिश की है। मुझ पर दबाव डालने के लिए बॉक्स, मुझे डराने की कोशिश करने के लिए।"
उन्होंने ये भी कहा, "जब उन्होंने कन्नूर में मुझ पर शारीरिक हमला करने की कोशिश की, तो यह एक साजिश थी और कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि मैं वहां मौजूद हूं...कुछ विचारधाराएं जो भारत के बाहर उत्पन्न हुई हैं, बल के उपयोग को प्राप्त करने में विश्वास करती हैं। उनके राजनीतिक उद्देश्य।" इसके लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए खान ने कहा कि कुछ विचारधाराएं जो भारत के बाहर उत्पन्न हुई हैं, अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बल प्रयोग में विश्वास करती हैं।