केजरीवाल ने बीजेपी पर कसा तंज, कहा- सरकार को अपने नहीं, पड़ोसी देशों के लोगों को रोजगार देने की चिंता है
By भाषा | Updated: December 19, 2019 03:52 IST2019-12-19T03:52:42+5:302019-12-19T03:52:42+5:30
केजरीवाल ने कहा- बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में गैर मुस्लिम आबादी लगभग तीन चार करोड़ है। इनमें से अगर आधे भी हमारे देश में आ गये तो इनको नौकरी कौन देगा, इनको कहाँ बसाओगे, इनको घर कहाँ से दोगे?

केजरीवाल ने बीजेपी पर कसा तंज, कहा- सरकार को अपने नहीं, पड़ोसी देशों के लोगों को रोजगार देने की चिंता है
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से भारतीय नागरिकों के रोजगार और आवास जैसे मौलिक अधिकारों में कटौती होने का दावा करते हुये बुधवार को कहा कि केन्द्र सरकार को अपने नागरिकों के बजाय पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के नागरिकों को रोजगार देने की चिंता है।
केजरीवाल ने एक समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में सीएए पर ‘आप’ के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में गैर मुस्लिम आबादी लगभग तीन चार करोड़ है। इनमें से अगर आधे भी हमारे देश में आ गये तो इनको नौकरी कौन देगा, इनको कहाँ बसाओगे, इनको घर कहाँ से दोगे? इनको दिल्ली, मुंबई, गुजरात या कहां बसाओगे?’’
उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुये कहा, ‘‘देश में हमारे बच्चों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं, बेरोज़गारी का माहौल है, बच्चों को नौकरी देना तो हमारी पहली प्राथमिकता होना चाहिए। हम अपने बच्चों को नौकरी देने के बजाय पाकिस्तानियों, बंगलादेशियों और अफगानिस्तानियों को नौकरियाँ देने की चिंता कर रहे हैं।’’
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि सरकार को पहले यह बताना चाहिये कि एनआरसी में जिन लोगों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं होंगे, उनका क्या होगा? क्या वे लोग देश से बाहर किये जायेंगे? उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिये कि सीएए और एनआरसी इसी समय क्यों लागू किया गया?
केजरीवाल ने कहा, ‘‘इसकी ज़रूरत क्या थी, ऐसे वक़्त पर जब कि पूरा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है. जब देश में हाहाकार मचा है, प्याज़ 200 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिक रही है, महंगाई की वजह से हाल खराब है, कारखाने बंद हो रहे हैं, ऐसे में पूरे देश में आग लगाने की ज़रूरत क्या थी?
हमारे बच्चों पर डंडे बरसाए जा रहे हैं, बच्चों के लिये यह पढ़ाई का वक्त है और देश के 33 विश्वविद्यालयों के बच्चे सड़कों पर हैं।’’ शिक्षण संस्थाओं में फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर केजरीवाल ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ोतरी से छात्रों को हो रही परेशानी का हवाला देते हुये केन्द्र और राज्य सरकारों से शिक्षा के बजट में कटौती नहीं करने की अपील की।
उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुये कहा, ‘‘कई विश्वविद्यालयों के छात्र बढ़ी हुई फीस से परेशान हैं। मैं सभी सरकारों से यही कहना चाहता हूँ कि कम से कम शिक्षा का बजट न काटें।’’ केजरीवाल ने फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर छात्रों के विरोध का जिक्र करते हुए सरकारों से कहा, ‘‘राजस्व में बढ़ोतरी के और भी कई तरीके हैं लेकिन शिक्षा से पैसे कमाने की आशा किसी को नही रखनी चाहिए, ना सरकारों को और ना ही निजी क्षेत्र को।’’
सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारियां फैला कर किये जा रहे दुष्प्रचार और अराजकता के बारे में केजरीवाल ने कहा, ‘‘आजकल सोशल मीडिया ऑर्गॅनिक नहीं है। इतने सारे फर्जी अकाउंट हैं, सब पार्टियों के अकाउंट हैं। मैं कुछ लिखता हूँ तो उनके लोग गाली देते हैं, वो लिखते हैं तो कोई और गाली लिखते हैं।’’
उन्होंने अब सोशल मीडिया से जनभावनाओं का अंदाजा नहीं लगने का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘सोशल मीडिया के कमेंट अब आपको जनता की भावना नहीं बताते हैं। मैं कोशिश ये करता हूँ कि मैं ज़्यादा से ज़्यादा जनता के बीच में रहूं, ताकि जनता के विचार शुद्ध रूप से सुन सकूँ।’’ भाषा निर्मल माधव माधव