कश्मीर: अमरनाथ यात्रियों-पर्यटकों को घाटी छोड़ने को क्यों कहा गया, जानें पूरा मामला

By भाषा | Updated: August 3, 2019 02:41 IST2019-08-03T02:38:02+5:302019-08-03T02:41:19+5:30

राज्यपाल प्रशासन ने सुरक्षा परामर्श जारी करते हुए कहा कि अमरनाथ यात्री और पर्यटक घाटी में अपनी यात्रा में कटौती करें तथा जल्द से जल्द वापस लौटें। इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि यह परामर्श घाटी में घबराहट पैदा करेगी। उन्होंने इसे अभूतपूर्व करार दिया।

Kashmir: Why Advisory given to Amarnath Yatra Pilgrims and Tourists to leave, Here is all about | कश्मीर: अमरनाथ यात्रियों-पर्यटकों को घाटी छोड़ने को क्यों कहा गया, जानें पूरा मामला

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

सेना ने शुक्रवार को खुफिया जानकारियों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी, कश्मीर घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसके तुरंत बाद, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से घाटी की अपनी यात्रा में ‘‘कटौती करने’’ तथा तुरंत वापस जाने को कहा।

यात्रा मार्ग से हथियार और विस्फोटक बरामद होने की सूचना देते हुए सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल तीर्थयात्रियों पर हमले के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं। यात्रा एक जुलाई को शुरू हुई थी और 15 अगस्त को संपन्न होगी। सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब बीते कुछ दिन में सुरक्षा बलों की छापेमारी में अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पाकिस्तान में बनी बारूदी सुरंग और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं।

कोर कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना कश्मीर घाटी में शांति बाधित करने की पूरी कोशिश में है। ढिल्लों ने जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह के साथ यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बीते तीन से चार दिन में, हमें स्पष्ट और पुष्ट खुफिया जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तान के आतंकवादी और पाकिस्तानी सेना यहां जारी श्री अमरनाथजी यात्रा को निशाना बनाने का प्रयास कर रही है।’’

जम्मू कश्मीर फिलहाल राज्यपाल शासन के अधीन है। ढिल्लों ने कहा कि सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों ने पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले बालटाल और पहलगाम मार्गों पर छानबीन की और बीते तीन दिन से जारी अभियान में हथियार, गोलियां और विस्फोटक सामग्री जब्त की।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें छानबीन में कुछ बड़ी सफलताएं मिलीं। कुछ आईईडी बरामद हुए जिन्हें निष्क्रिय किया गया है। छानबीन में एक अमेरिकी एम 24 राइफल के अलावा जवानों को निशाना बनाने वाली बारूदी सुरंग मिली है जिस पर पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री का ठप्पा लगा है, जो स्पष्ट रूप से बताता है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद में शामिल है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं यहां आपको सुरक्षा बलों की तरफ से आश्वस्त कर सकता हूं कि ऐसा कुछ नहीं होने दिया जाएगा। पाकिस्तान और इसकी सेना के मंसूबों को हर कीमत पर नाकाम किया जाएगा। कोई कश्मीर की शांति बाधित नहीं कर सकता। यह हमारा कश्मीर की जनता और राष्ट्र के हर व्यक्ति से वादा है।’’

राज्यपाल प्रशासन ने सुरक्षा परामर्श जारी करते हुए कहा कि अमरनाथ यात्री और पर्यटक घाटी में अपनी यात्रा में कटौती करें तथा जल्द से जल्द वापस लौटें। इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि यह परामर्श घाटी में घबराहट पैदा करेगी। उन्होंने इसे अभूतपूर्व करार दिया।

डीजीपी सिंह ने कहा कि राज्य में सुरक्षाबलों की बड़े पैमाने पर तैनाती की खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। सिंह ने कहा, ‘‘हमारे पास बीते नौ महीनों में पंचायत, यूएलबी और आम चुनाव जैसे कई काम आए। इसके बाद अमरनाथ यात्रा भी चल रही है... इसलिए इस अवधि के दौरान बलों को आराम नहीं मिला।’’

सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए कुछ बलों को हटाया जा रहा है और कुछ को इनकी जगह तैनात किया जा रहा है। मीडिया में संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।’’ ढिल्लों ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर स्थिति फिलहाल नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं लेकिन इन प्रयासों को लगातार नाकाम किया जा रहा है। 30 जुलाई की एक घटना में, तीन आतंकवादियों को गुरेज सेक्टर में मार गिराया गया था।

कल रात कुपवाड़ा सेक्टर में घुसपैठ का प्रयास किया गया।’’ अधिकारी ने कहा कि उपलब्ध खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाक के कब्जे वाले कश्मीर में सभी ‘लांच पैड’ (आतंकी ठिकाने) पूरी तरह से भरे हैं और घुसपैठिये कश्मीर में नियंत्रण रेखा के जरिये घुसने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पुंछ-राजौरी में भी यह हो रहा है। जम्मू से लेकर पठानकोट सेक्टरों में भी घुसपैठ हो रही है। यह अन्य देशों के जरिये, अन्य मार्गों के अलावा है। घुसपैठ कम नहीं हुई है, प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन उनसे नियंत्रण रेखा पर ही निपटा जा रहा है।’’

सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी सेना चार महीने के अंतराल के बाद आम नागरिकों के इलाकों को निशाना बनाकर संघर्षविराम का उल्लंघन कर रही है। राज्य के अंदरूनी इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों पर उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों के प्रमुख नेताओं को मार गिराने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बीते छह -सात महीनों में, हमने ज्यादातर प्रमुख नेताओं को मार गिराया है और काम अब भी जारी है।’’

डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा बल घाटी में लश्कर ए तैयबा और जैश के नेताओं को मार गिराने में कामयाब रहे हैं।

अमरनाथ यात्रियों, पर्यटकों को घाटी छोड़ने के परामर्श के बाद कश्मीर में भय व्याप्त

कश्मीर में पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के लिए घाटी छोड़ने के ताजा परामर्श से निवासियों के बीच भय पैदा हो गया है और उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते राशन और आवश्यक सामान जमा करना शुरू कर दिया। राज्य सरकार ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को परामर्श जारी कर तत्काल कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है।

गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश में यहां कहा गया है, ‘‘आतंकवादी खतरों खासतौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने की ताजा खुफिया सूचनाओं और कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के हित में यह परामर्श दिया जाता है कि वे फौरन घाटी में रुकने की योजना स्थगित कर दें और जल्द से जल्द लौटने के आवश्यक कदम उठाए।’’

इस आदेश से कश्मीर में भय व्याप्त हो गया। केंद्र द्वारा घाटी में सेना की 100 अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के आदेश के बाद से कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है। सैनिकों की तैनाती और विभिन्न आदेशों से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कुछ बड़े फैसलों को लेकर अटकलें बढ़ गई है।

कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते लोग शहर में तथा अन्य जगहों पर राशन और आवश्यक सामान खरीदने दुकानों के बाहर कतारों में दिखाई दिए। पेट्रोल पम्पों पर भी भारी संख्या में उपभोक्ता दिखाई दिए। इससे पहले सेना ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की फिराक में हैं। सेना ने हालांकि यह भी कहा कि सुरक्षा बल ऐसी किसी भी योजना को विफल करने के लिए मुस्तैद हैं।

अमरिंदर सिंह ने अधिकारियों से अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने को कहा

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पठानकोट जिला प्रशासन को शुक्रवार को राज्य के अमरनाथ तीर्थयात्रियों की जम्मू-कश्मीर से सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। तीर्थयात्रियों पर आतंकवादी हमले से जुड़ी खुफिया जानकारी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर से अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को वहां से निकलने का सुरक्षा परामर्श जारी किया गया है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सिंह ने विभिन्न विभागों को कश्मीर घाटी में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का सुगम आवागमन सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पठानकोट के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि जैसे ही तीर्थयात्री पंजाब की सीमा में आएं वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को जिला प्रशासन के साथ सहयोग करने को कहा है।

केंद्रीय गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश में यहां कहा गया है, ‘‘आतंकवादी खतरों खासतौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने की ताजा खुफिया सूचनाओं और कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के हित में यह परामर्श दिया जाता है कि वे फौरन घाटी में रुकने की योजना स्थगित कर दें और जल्द से जल्द लौटने के आवश्यक कदम उठाए।’

Web Title: Kashmir: Why Advisory given to Amarnath Yatra Pilgrims and Tourists to leave, Here is all about

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे