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कश्मीर: पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा, "तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक को भी फेयर ट्रायल का पूरा अधिकार है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 19, 2022 20:57 IST

जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जेल में बंद यासीन मलिक भी कोर्ट में निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं और उनके मामले में एकतरफा न्याय नहीं होना चाहिए।

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ठळक मुद्देपीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाज गनी लोन ने तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक का लिया पक्ष लोन ने कहा कि यासीन मलिक को भी फेयर ट्रायल का पूरा अधिकार मिलना चाहिए टेरर फंडिंग के दोषी यासीन मलिक इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं

श्रीनगर: कश्मीर में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट की अगुवाई करने करने वाले और साल 1989 में तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण करने वाले यासीन मलिक का समर्थन करते हुए पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि उन्हें भी फेयर ट्रायल का हक है और उनके मामले में निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए।

श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जेल में बंद यासीन मलिक भी कोर्ट में निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं और उनके मामले में एकतरफा न्याय नहीं होना चाहिए।"

जम्मू की विशेष सीबीआई अदालत में रुबैया सईद द्वारा खुद के अपहरण के सिलसिले में यासीन मलिक सहित तीन अन्य की पहचान के बारे में सज्जाद लोन ने कहा कि यह सही बात है कि उन्होंने यासीन मलिक की पहचना कर ली है लेकिन क्या पहचान कर लेने से आरोप लगाने वाला सुलह और बातचीत के जरिये विवाद को खत्म नहीं कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा, “रुबैया सईद को अपने साथ हुई ज्यादती करने वालों को पहचान करने और उन पर आरोप लगाने का पूरा अधिकार है। लेकिन क्या पहचान करने और आरोप लगाने वालों को सुलह और बातचीत के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमारे सामने प्रियंका गांधी का उदाहरण है कि उन्होंने किस तरह से जेल में बंद अपनी पिता के हत्यारों को माफ कर दिया था।”

मालूम हो कि रुबैया सईद ने साल 1989 में हुए अपहरण के आरोप में यासीन मलिक समेत कुल तीन अन्य की पहचना सीबीआई कोर्ट में की है। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और रुबैया सईद की बहन महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि रुबैया सईद ने कोर्ट में अपना काम कर दिया है, अब कानून को अपना फर्ज निभाना है।

वहीं सोमवार को जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि अगर यासीन मलिक की निष्पक्ष सुनवाई और अदालत में उनकी पेशी की मांग नहीं मानी गई तो वो 22 जुलाई से दिल्ली की तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।

आतंकियों को फंडिंग मुहैया कराने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे यासीन मलिक पर अब भी जम्मू-कश्मीर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में साल 1989 में हुए रुबैया सईद के अपहरण और साल 1990 में भारतीय वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या का मामला अब भी चल रहा है। 

टॅग्स :यासीन मलिकSajjad Loneजम्मू कश्मीरमहबूबा मुफ़्ती
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