मध्यप्रदेश में सवर्ण आरक्षण को लेकर सियासत गर्मा गई है. मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भाजपा के अलावा अब करणी सेना ने आरक्षण लागू करने के लिए दबाव बनाया है. करणी सेना ने चेतावनी दी है कि अगर 5 फरवरी तक 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण लागू नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा. इसके अलावा फिल्म पद्मावत के विरोध के तहत और सवर्ण आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमें भी वापस लिए जाएं.
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है, किन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने अभी तक मध्यप्रदेश में आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं की है, जिससे सवर्ण समाज में रोष है.
उन्होंने मांग की है कि संविधान में संशोधित कर लागू किए गए आरक्षण को मध्यप्रदेश में 5 फरवरी तक लागू किया जाए. साथ ही आरक्षण लागू करने के बाद राज्य सरकार द्वारा जितनी भी परीक्षाएं व भर्तियां निकाली गई है, वह तत्काल प्रभाव से निरस्त कर नई आरक्षण व्यवस्था के साथ परीक्षाएं ली जाएं एवं नई भर्तियों में भी नई आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए.
शेरपुर ने अपने पत्र में कहा है कि इसके अलावा फिल्म पद्मावत व सवर्ण आंदोलन के समय जितने भी मुकदमें दर्ज किए गए वह भी मध्यप्रदेश सरकार तत्काल प्रभास से वापस ले. उन्होंने कहा कि करणी सेना द्वारा 5 फरवरी से ज्ञापन के साथ आंदोलन की शुरुआत की जा रही है. सवर्ण समाज की भावनाओं को समझते हुए हमारी सभी मांगों को जल्द पूरा किया जाए. अगर मांगे पूरी नहीं की जाती है तो सवर्ण समाज द्वारा आंदोलन किया जाएगा.
भाजपा सांसद भी कर चुके हैं मांग
भाजपा के भिंड से सांसद भागीरथ प्रसाद ने भी इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र गत दिनों लिखा है. उन्होंने भी मोदी सरकार द्वारा लिए गए सवर्ण समाज को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को मध्यप्रदेश में लागू करने की मांग की है. वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी यह मांग कर चुके हैं कि कमलनाथ सरकार को जल्द ही प्रदेश में सवर्ण समाज को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए.