बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बीते शनिवार को विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के उस दक्षिणी दरवाजे को आवाजाही के लिए खुलवा दिया, जिसे वर्षों से ‘अशुभ’ मानकर वर्षों से बंद रखा गया था। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धारमयै की नजर उस अशुभ दरवाजे पर तब पड़ी, जब वो अन्न भाग्य योजना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने विधान सभी पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री जैसे ही अपनी गाड़ी से उतरकर विधानसभा के प्रवेश द्वार से अपने दफ्तर की ओर बढ़े, उन्होंने देखा कि दक्षिणी प्रवेश द्वार बंद है। इसके बाद जब सिद्धरमैया ने साथ चल रहे विधानसभा के अधिकारियों से बंद दरवाजे को लेकर दर्याफ्त की, तब अधिकारियों ने उन्हें बताया कि वास्तु के लिहाज 'अशुभ' होने के कारण दक्षिण द्वार को कभी नहीं खोला जाता है।
अधिकारियों से इस मसले को जानने के बाद सिद्धरमैया कुछ देर तक दरवाजे के सामने खड़े रहे और फिर मौजूद अधिकारियों से फौरन दरवाजा खोलने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के इस आदेश के विधानसभा के कर्मचारियों को थोड़ी हैरत हुई लेकिन उन्होंने फौरन मुख्यमंत्री का आदेश मानते हुए दरवाजे को खोल दिया।
दरवाजा खुलने के बाद सिद्धारमैया ने कथित ‘वास्तु’ के बारे में अपनी राय रखते हुए कहा कि एक अच्छा वास्तु वही होता है, जो आपके दिल-दिमाग को सहेतमंद और लोगों की समस्याओं के प्रति आपको संवेदनशील बनाए और इसके लिए जरूरी है कि दफ्तर में हर तरफ से प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा आती रहे।
इस संबंध में विधानसभा के एक अधिकारी ने दरवाजा खोले जाने के बाद बताया कि अतीत में किसी भी मुख्यमंत्री ने विधानसभा स्थित अपने दफ्तर के दक्षिणी द्वार खोलने की साहस नहीं किया था।