कर्नाटक संकटः मेरे पास क्या विकल्प है? मुझे सिद्धरमैया के साथ खड़ा होना होगा?, शिवकुमार ने कहा- कांग्रेस आलाकमान जो भी कहेगा और चाहेगा, मानेंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2025 18:20 IST2025-07-02T18:20:17+5:302025-07-02T18:20:55+5:30

मेरे पास क्या विकल्प है? मुझे उनके साथ खड़ा होना है, उनका (सिद्धरमैया) समर्थन करना है। मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

Karnataka crisis What option do I have Do stand Siddaramaiah dk Shivakumar said accept whatever Congress high command says and wants | कर्नाटक संकटः मेरे पास क्या विकल्प है? मुझे सिद्धरमैया के साथ खड़ा होना होगा?, शिवकुमार ने कहा- कांग्रेस आलाकमान जो भी कहेगा और चाहेगा, मानेंगे

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Highlightsपार्टी आलाकमान जो भी कहेगा और जो भी चाहेगा, उसे माना जाएगा।खबरें थीं कि ‘‘क्रमिक मुख्यमंत्री फॉर्मूला’’ के आधार पर समझौता हुआ है।शिवकुमार ने यह स्पष्ट किया कि पार्टी में अनुशासन महत्वपूर्ण है।

बेंगलुरुः पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए कर्नाटक का मुख्यमंत्री बने रहने के सिद्धरमैया के बयान के बाद उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है और वह सिद्धरमैया का समर्थन करेंगे। शिवकुमार ने उनके पास कोई विकल्प नहीं होने का संकेत देते हुए कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे। शिवकुमार ने मुख्यमंत्री के बयान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे पास क्या विकल्प है? मुझे उनके साथ खड़ा होना है, उनका (सिद्धरमैया) समर्थन करना है। मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

पार्टी आलाकमान जो भी कहेगा और जो भी चाहेगा, उसे माना जाएगा।’’ जब उनसे यह पूछा गया कि क्या पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही जबकि उनके समर्थक पार्टी के लिए उनके बलिदान का हवाला देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता। लाखों कार्यकर्ताओं ने इस पार्टी का समर्थन किया है।

यह केवल डी के शिवकुमार की बात नहीं है।’’ इससे पहले सिद्धरमैया ने बुधवार को चिक्कबल्लापुर में कहा कि वह पांच साल के पूरे कार्यकाल के दौरान पद पर बने रहेंगे। राजनीतिक हलकों में, विशेषकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में, सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला देते हुए इस वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

मई 2023 में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धरमैया एवं शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और कांग्रेस शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही तथा उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उस समय कुछ खबरें थीं कि ‘‘क्रमिक मुख्यमंत्री फॉर्मूला’’ के आधार पर समझौता हुआ है।

जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन पार्टी द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। शिवकुमार ने इससे पहले दिन में कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कोई असंतोष नहीं है और जब सिद्धरमैया राज्य के मुख्यमंत्री हैं तो नेतृत्व के मुद्दे पर किसी विवाद की जरूरत नहीं है। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने यह स्पष्ट किया कि पार्टी में अनुशासन महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा है। शिवकुमार ने चेतावनी दी कि नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सार्वजनिक बयान देने वाले नेताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने रामनगर से विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन को मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जो यह बयान दे रहे हैं कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने उन्हें नोटिस दिया है। दूसरों को भी नोटिस देना पड़ेगा। अनुशासन महत्वपूर्ण है। मैंने किसी से मेरा नाम लेने या मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा है। इसकी कोई जरूरत नहीं है। जब मुख्यमंत्री (सिद्धरमैया) हैं तो किसी विवाद की कोई जरूरत नहीं है।’’

उनके समर्थक विधायक शिवकुमार की कड़ी मेहनत का हवाला देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। शिवकुमार ने इस बारे में सवाल किए जाने पर कहा, ‘‘सभी ने कड़ी मेहनत की है। मेरे जैसे सैकड़ों लोगों ने कड़ी मेहनत की है। क्या मैं अकेला हूं? लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की है। हमें पहले उनके बारे में सोचना होगा।’’

इस बीच, कर्नाटक के प्रभारी कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लगातार तीसरे दिन पार्टी विधायकों के साथ आमने-सामने की अपनी बैठकें जारी रखीं। यह पूछे जाने पर कि क्या सुरजेवाला की बैठकों से पार्टी में असंतोष कम होगा, शिवकुमार ने कहा, ‘‘पार्टी में कोई असंतोष नहीं है।

वह (सुरजेवाला) पार्टी और संगठन से जुड़े मामलों पर जवाबदेही तय कर रहे हैं और इस पर विचार कर रहे हैं कि चुनाव की तैयारी अभी से कैसे की जाए।’’ पार्टी के कुछ नेताओं की हालिया टिप्पणियों ने इस वर्ष के अंत में कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को एक बार फिर हवा दे दी है।

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