बेंगलुरुः कर्नाटककांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस्तीफे या पार्टी में अंदरूनी कलह की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनका "मानसिक, शारीरिक और राजनीतिक स्वास्थ्य" बिल्कुल ठीक है। कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि ऐसी "कोई स्थिति" नहीं है, जिसके लिए उन्हें केपीसीसी प्रमुख के पद से इस्तीफा देना पड़े। कर्नाटक में मंत्रिमंडल फेरबदल की बातचीत पर शिवकुमार ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है, जो आलाकमान से सलाह लेंगे। उन्होंने आगे कहा, "जब मुझे बुलाया जाएगा, मैं भी जाऊंगा।"
शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ अपनी मुलाकात को कोई खास तवज्जो नहीं दी। पार्टी अध्यक्ष से अपनी मुलाकात का ब्यौरा साझा करने से परहेज करते हुए शिवकुमार ने कहा, "अगर पार्टी है तो हम सब हैं।" यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार नवंबर में ढाई साल पूरे करने जा रही है।
जिसे कुछ लोग ‘‘नवंबर क्रांति’’ कह रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ हुए ‘ढाई साल’ के कथित समझौते के अनुरूप शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की अटकलें तेज़ हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगर कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंज़ूरी देता है, तो यह संकेत होगा कि मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
जिससे शिवकुमार के इस पद पर पहुंचने की संभावनाएं कम हो जाएंगी। खरगे से अपनी मुलाक़ात के बारे में पूछे गए सवालों पर शिवकुमार ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना स्वाभाविक है। इसमें कोई ख़ास बात नहीं है। पार्टी कार्यालयों के उद्घाटन जैसे कुछ पार्टी संबंधी मामले थे, साथ ही कुछ ट्रस्ट से जुड़े मामले भी थे। इसके अलावा और कुछ नहीं था।"
मंत्रिमंडल में फेरबदल और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच इस मुलाक़ात के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने बस इतना कहा, "कुछ नहीं... अगर पार्टी है, तो हम सब हैं।" इस बीच, सिद्धरमैया राज्य-विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने वाले हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के बारे में उप-मुख्यमंत्री ने कहा, "मुख्यमंत्री ने मुझे भी (शामिल होने के लिए) कहा था, लेकिन मेरी कुछ पारिवारिक प्रतिबद्धताएं हैं, मैं देखूंगा कि मैं जा सकता हूं या नहीं।" यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान राज्य की सिंचाई और जल परियोजनाओं पर चर्चा होगी।
जल संसाधन विभाग का प्रभार संभाल रहे शिवकुमार ने कहा, "हमने (जल संसाधन विभाग) इस मामले पर तैयारी कर ली है और मुख्यमंत्री को सौंप दी है।" उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक द्वारा कावेरी नदी पर मेकेदातु जलाशय परियोजना के निर्माण के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की याचिका को बीते बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था और इसे ‘‘समय से पूर्व दायर की गई अर्जी’’ बताया था।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अफवाहों को रविवार को खारिज करते हुए कहा कि वह पार्टी के एक अनुशासित सिपाही हैं। उनकी यह टिप्पणी कर्नाटक में संभावित नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच आई है।
ये अटकलें शनिवार को नयी दिल्ली में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद लगाई जा रही हैं। शिवकुमार ने इस बात पर जोर दिया कि फेरबदल का निर्णय पूरी तरह सिद्धरमैया का विशेषाधिकार है और यह पार्टी आलाकमान के साथ विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वह कर्नाटक में 100 नए कांग्रेस कार्यालयों के शिलान्यास समारोह के वास्ते राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली आए थे। शिवकुमार ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिलान्यास समारोह और कई अन्य कार्यक्रम होने वाले हैं। यह सब कौन संभालेगा?
मुझे ही करना है। मैं (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से) इस्तीफा देने की बात क्यों कहूंगा? अभी ऐसी स्थिति नहीं आई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक अनुशासित सिपाही की तरह पार्टी की सेवा के लिए समर्पित हूं और मुझे जो भी ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है, मैं उसे पूरा करता हूं।’’
शिवकुमार ने इन अटकलों को मीडिया की उपज बताया और कहा, ‘‘मैं कांग्रेस को ब्लैकमेल करने वाला नहीं हूं। मैंने इस पार्टी को खड़ा किया है और इसके लिए दिन-रात अथक परिश्रम किया है। मैं आगे भी ऐसा करता रहूंगा। हमारी पार्टी 2028 में (कर्नाटक में) सत्ता में वापसी करेगी।’’
कर्नाटक मंत्रिमंडल में केवल फेरबदल होगा, न कि नेतृत्व परिवर्तन: राज्य के गृहमंत्री परमेश्वर
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने रविवार को संकेत दिया कि राज्य में केवल मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा, न कि नेतृत्व परिवर्तन। नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं के बीच, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। ऐसी अटकलें हैं कि मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की संभावना है।
हालांकि, सिद्धरमैया ने दिल्ली में स्पष्ट किया कि फेरबदल पर नहीं, बल्कि बिहार चुनाव के नतीजों पर चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने रविवार को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई चर्चा नहीं हुई, कोई सवाल नहीं, कुछ भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि किसी को भी कुछ भी करने की जल्दी नहीं है और पार्टी ऐसा निर्णय लेगी जो पार्टी के सर्वोत्तम हित में होगा।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य केवल 2028 (विधानसभा चुनाव) है, बस इतना ही और इसके अलावा कुछ भी नहीं है।’’ कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा हुई। परमेश्वर ने यहां पत्रकारों से कहा कि सिद्धरमैया और कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल पर निर्णय लेंगे।
न्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा है कि आलाकमान ने फेरबदल की अनुमति दे दी है। मीडिया भी यही कह रहा है और यह बात खुलकर सामने आ रही है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर क्या हो रहा है। आमतौर पर, मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान नेतृत्व परिवर्तन नहीं होता है।’’
परमेश्वर के मुताबिक, कई लोगों ने मंत्री पद की इच्छा प्रकट की है। उन्होंने कहा, ‘‘अब, फेरबदल की अनुमति मिलने के बाद, मुख्यमंत्री और आलाकमान यह करेंगे। मेरे लिए यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।’’ राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने भी कहा कि पार्टी आलाकमान और मुख्यमंत्री ही फेरबदल पर निर्णय लेंगे।
जारकीहोली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘शनिवार को मुख्यमंत्री ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात की। आलाकमान के साथ क्या चर्चा हुई, यह केवल उन्हें ही पता है। मंत्रिमंडल में फेरबदल का फैसला उन पर और पार्टी के शीर्ष नेताओं पर छोड़ दिया गया है।’’
पूर्व सांसद और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के छोटे भाई डी के सुरेश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मीडिया में मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में समाचार देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला मुख्यमंत्री और पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया गया है। इसलिए हम इंतजार करेंगे और देखेंगे।’’