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कर्नाटक: मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध को दो भाजपा विधायकों ने बताया गलत, कहा- सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए

By विशाल कुमार | Updated: March 29, 2022 10:05 IST

भाजपा एमएलसी एएच विश्वनाथ और विधायक अनिल बेनके की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विहिप, हिंदू जागरण वेदिक, बजरंग दल और श्री राम सेना जैसे समूहों की मांगों के बाद उडुपी और शिवमोग्गा के कुछ मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों को त्योहारों में भाग लेने से रोक दिया गया है। इस तरह के आह्वान अब राज्य के अन्य हिस्सों में भी किए जा रहे हैं।

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ठळक मुद्देमुस्लिम व्यापारियों पर राज्य के कुछ हिस्सों में मंदिर मेलों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।भाजपा एमएलसी एएच विश्वनाथ और विधायक अनिल बेनके ने प्रतिबंध को गलत, अलोकतांत्रिक और पागलपन करार दिया है।

बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ असंतोष जाहिर करते हुए हिंदुत्व समर्थक समूहों की मांग पर मुस्लिम व्यापारियों पर राज्य के कुछ हिस्सों में मंदिर मेलों में भाग लेने पर प्रतिबंध को गलत, अलोकतांत्रिक और पागलपन करार दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा एमएलसी एएच विश्वनाथ और विधायक अनिल बेनके की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विहिप, हिंदू जागरण वेदिक, बजरंग दल और श्री राम सेना जैसे समूहों की मांगों के बाद उडुपी और शिवमोग्गा के कुछ मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों को त्योहारों में भाग लेने से रोक दिया गया है। इस तरह के आह्वान अब राज्य के अन्य हिस्सों में भी किए जा रहे हैं।

भाजपा सरकार ने 2002 में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान गैर-हिंदुओं को मंदिर परिसर में दुकानें चलाने से रोकने के लिए लागू किए गए एक नियम के परिणाम के रूप में प्रतिबंधों को उचित ठहराया है।

विश्वनाथ ने रविवार को अपने गृह जिले मैसूर में इस फैसले को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा है कि यह सब पागलपन है। कोई भी ईश्वर या धर्म इस तरह की बातों का प्रचार नहीं करता है। धर्म समावेशी हैं और अनन्य नहीं हैं। राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। मुझे नहीं पता कि सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों में कितने भारतीय काम कर रहे हैं? अगर ये देश हमारे खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला करते हैं, तो यह सब कहां खत्म होगा। जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तब भारत में मुसलमानों ने भारत में रहना चुना। वे जिन्ना के साथ नहीं गए। हमें इस पर विचार करना चाहिए, वे यहां भारतीय बने रहे। वे भारतीय हैं, किसी अन्य राष्ट्रीयता के लोग नहीं हैं।

विश्वनाथ ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वे किस आधार पर मुस्लिम विक्रेताओं और व्यवसायों को निशाना बना रहे हैं। यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है। सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए वरना लोगों की प्रतिक्रिया होगी।

उन्होंने कहा कि लोगों को अपना पेट भरने और खुद कपड़े पहनने के लिए रोजी-रोटी की जरूरत है और अगर आजीविका का कोई साधन नहीं है तो लोकतंत्र, धर्म, जाति का क्या मतलब है - इसे फेंक दो। जब भोजन खरीदने का कोई साधन नहीं है, तो हम इस दुनिया में क्या खोज रहे हैं।

मुस्लिम बहुल बेलगावी उत्तर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बेनके ने कहा कि वह मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं।

टॅग्स :कर्नाटकBasavaraj BommaiBJP
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