आधार ना होने से नहीं हुआ इलाज, कारिगल शहीद की पत्नी ने तड़पकर तोड़ा दम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 30, 2017 08:15 AM2017-12-30T08:15:50+5:302017-12-30T09:54:50+5:30
अस्पताल इलाज के बजाए बुलाई पुलिस। पुलिस ने भी महिला के परिजनों को धमकाया। बेटा, मां की बिगड़ती हालत देख दूसरे अस्पताल भागा लेकिन शहीद की पत्नी ने दम तोड़ दिया।
हरियाणा में बेहद ही शर्मनाक मामला सामने आया है, कारगिल युद्ध में देश की हिफाजत में शहीद हुए जवान की विधवा ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। दरअसल अस्पताल ने बिना आधार की ओरिजिनल कॉपी के न मिलने से इलाज से मना कर दिया। मामला हरियाणा के सोनीपत का है। पैसे कमाने के चक्कर में निजी अस्पताल प्रबंधन अब मानवता को दरकिनार करने लगे हैं।
बीमार मां को अस्पताल लेकर पहुंचा शहीद का बेटा अस्पताल प्रबंधन से इलाज की गुहार लगाता रहा। उसने कई बार आधार लाकर दे देने की बात कही। लेकिन निजी अस्पताल का प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर अड़ा रहा। आधार कार्ड की कॉपी मोबाइल में दिखाने के बावजूद वे नहीं माने।
Wife of a Kargil martyr dies at a hospital in Haryana's Sonipat, claims son; says "I brought my mother in a serious condition to the hospital. They asked me to get the Aadhaar card, but I didn't have it then so I showed them a copy in my phone" pic.twitter.com/Vm1ZmgzGZN
— ANI (@ANI) 29 December 2017
कैसे गई शहीद की पत्नी की जान
महलाना गांव निवासी लक्ष्मण दास कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी शकुंतला बीते कई दिनों से बीमार थीं। उनटा बेटा पवन मां की ज्यादा तबियत खराब होने पर अस्पताल में पहुंचे तो वहां उनसे आधार कार्ड मांगा। पवन ने मोबाइल में मौजूद आधार कार्ड का फोटो दिखाया व आधार कार्ड नंबर बताया मगर अस्पताल प्रबंधन नहीं पसीजा और पुलिस बुला लिया। जानकारी के मुताबिक पुलिस भी बेटे को ही धमकाने लगी। मां की लगातार बिगड़ती हालत देख परेशान बेटा दूसरे अस्पताल भागा लेकिन शहीद की पत्नी ने दम तोड़ दिया।
I said that I will get Aadhaar in an hour or so, meanwhile begin with the treatment but the hospital refused to do so: Pavan Kumar,son #Sonipatpic.twitter.com/rKkBOyMIXF
— ANI (@ANI) 29 December 2017
पवन का आरोप
मां की मौत के बाद पवन ने खुद इस पूरे घटनाक्रम को उजागर किया है। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उसकी मां का इलाज करने के बजाय उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस बुला ली। अस्पताल प्रबंधन भी मान रहा है कि मौके पर पुलिस बुलाई गई थी। हालांकि, उनका कहना है कि युवक को हंगामा करता देख पुलिस बुलाई गई थी। इतना ही नहीं पवन का ये भी आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी सुनने की बजाय उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। जबकि इस मामले पर पुलिस का कहना है कि एक महिला इलाज के लिए आई थी, लेकिन शिकायत नहीं दी गई है।