नई दिल्ली: गुलाम नबी आजाद के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह के पार्टी से संबंध तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं। सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से पार्टी के साथ अपने मतभेदों का खुलासा करते हुए कहा, "मैं 1967 में कांग्रेस में शामिल हुआ था। लेकिन पिछले 8-10 वर्षों में, मैं संसद में नहीं रहा, मुझे कार्य समिति से हटा दिया गया। हां, मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कोई संपर्क नहीं है, कोई मुझसे कुछ नहीं पूछता। मैं अपना काम खुद करता हूं।"
उन्होंने कहा, "पार्टी के साथ मेरे संबंध अब लगभग शून्य हैं।" वहीं, अपनी पार्टी की आलोचना के बीच कर्ण सिंह ने महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांगों पर ध्यान देने के लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया। सिंह ने कहा, "मैं खुश हूं। काफी मशक्कत के बाद ऐसा हुआ। मैं जम्मू की युवा पीढ़ी को बधाई देता हूं जिन्होंने प्रयासों को आगे बढ़ाया।"
वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, "उन्होंने इसे एक साथ किया, किसी ने विरोध नहीं किया। जब मेरे बेटे अजातशत्रु और विक्रमादित्य विधान परिषद के सदस्य थे, तो उन्होंने सदन में छुट्टी के बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था। इसे किसी ने आगे नहीं बढ़ाया। मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, मैंने भी उन्हें इसके लिए लिखा था।"