नई दिल्ली: सावन का पवित्र महीना चल रहा है। इस महीने में लोग गंगा का पवित्र जल लेने के लिए पैदल कांवड़ लेकर जाते हैं और इस जल को भगवान शिव को अर्पित करते हैं। बीते सोमवार, 29 जुलाई को एक ऐसा मामला सामने आया जब एक महिला कांवरिया जल चढ़ाने आगरा के ताजमहल पहुंच गयी। उसने यह दावा करते हुए ताज महल पर 'गंगाजल' चढ़ाने का प्रयास किया कि 'भगवान शिव' उसके सपने में आए और उसे ऐसा करने के लिए कहा। हालाँकि, महिला कांवरिये को ताजमहल के अधिकारियों ने रोक दिया।
ताजमहल में जल चढ़ाने का प्रयास करने वाली महिला का नाम मीना राठौड़ है। बाद में मीना राठौड़ ने कहा कि मैं तेजो महालय पर गंगाजल चढ़ाने आई थी। भगवान शिव ने मुझे सपने में बुलाया। मैं तेजो महालय पर जल चढ़ाने के लिए कांवर लेकर आई। लेकिन, उन्होंने (पुलिसकर्मियों ने) मुझे आगे जाने से रोक दिया।
इस बारे में बताते हुए सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ताज सुरक्षा, सैयद अरीब अहमद ने पीटीआई को बताया कि उन्हें पश्चिमी गेट बैरियर पर रोका गया और ताज महल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। अहमद ने कहा कि कुछ समय बाद, उन्होंने खुद ही राजेश्वर मंदिर में 'गंगाजल' चढ़ाने का फैसला किया।
इस घटना के सामने आने के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने राठौड़ का समर्थन करते हुए कहा कि भगवान शिव का मंदिर होने के कारण ए 'गंगाजल' चढ़ाना उनका "अधिकार" है। उन्होंने कहा कि ताजमहल में 'गंगा जल' चढ़ाना हमारा अधिकार है क्योंकि ताज महल 'तेजो महालय' है, जो भगवान शिव का मंदिर है। वह कासगंज के सोरों जी से कांवर लेकर आईं और दो दिन बाद आगरा पहुंचीं।
बता दें कि ताज महल को लेकर विवाद काफी पुराना है। दक्षिणपंथी समूह दावा करते हैं कि यह एक शिव मंदिर है। इस दावे को खारिज करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 2017 में अदालत को बताया था कि यह स्मारक एक कब्र है, मंदिर नहीं।