मुंबई, 19 मार्च मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने बंबई उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया कि कंजुरमार्ग पर मेट्रो कार शेड बनाने का फैसला विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत अध्ययन एवं आवश्यक विचार विमर्श के बाद लिया गया है।
एमएमआरडी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दारियस खम्बाटा ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ को बताया कि मेट्रो शेड के लिए पहले शहर के आरे इलाके में जिस भूखंड का चयन किया गया था उससे बेहतर यह वाला भूखंड है।
खम्बाटा ने कहा कि राज्य सरकार ने कार शेड निर्माण के लिए जो स्थान चुना है उस पर केंद्र सरकार द्वारा आपत्ति जताने की कोई वजह नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञ समिति ने विस्तृत अध्ययन किया है और नए भूखंड के चयन के लिए आवश्यक विचार विमर्श भी किया गया। कार शेड और उससे जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए कंजुरमार्ग का भूखंड ज्यादा बेहतर है।’’
उन्होंने बताया कि आरे कॉलोनी वाला भूखंड छोटा था और उस पर केवल एक मेट्रो लाइन के लिए कार शेड बनाया जा सकता था लेकिन कंजुरमार्ग पर तीन से चार मेट्रो लाइन के लिए कार शेड बनाया जा सकता है।
खम्बाटा ने कहा, ‘‘वैसे भी भारत सरकार को इस बात की चिंता क्यों है कि हम कार शेड कहां बना रहे हैं?’’
दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष याचिका दायर कर कार शेड निर्माण के लिए कंजुरमार्ग वाली भूमि के आवंटन पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि वह भूमि उसके विभाग की है। खम्बाटा इसी याचिका पर जवाब दे रहे थे।
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