पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के चार दिवसीय दौरे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सिंधिया अपने इस दौरे के दौरान सात माह बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे. सिंधिया के इस दौरे को लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. उनके इस दौरे को प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी और राज्यसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 16 जनवरी से प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर रहेंगे, इस दौरान वे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भी पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं से संवाद भी करेंगे. सिंधिया करीब सात महीने के लंबे अंतराल के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे. इनके इस ऐलान से सियासत में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. सिंधिया के इस दौरे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी और राज्यसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
सिंधिया तय कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली से ग्वालियर 16 जनवरी को आएंगे, उसके बाद ग्वालियर में पिछोर, बदरवास, कोलारस, शिवपुरी और अशोकनगर क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जिसके बाद अशोकनगर के सांसद केपी यादव के निवास उनके पिता के निधन के पर 17 जनवरी को शोक संवेदनाएं व्यक्त करने पहुंचेंगे. इसी दौरे के दौरान उनके विदिशा और इंदौर जाने की भी उम्मीद है. सिंधिया सात महीने के लंबे समय के अंतराल के बाद 18 जनवरी को कांग्रेस कार्यालय आने से पहले भोपाल में कई कार्यक्रमों में शामिल होकर जनसभा को संबोधित करेंगे. 19 जनवरी को राजधानी के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचेगे, इस दौरान प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगें, जिसके बाद वे मंत्री गोविंद राजपूत के निवास भी भेंट करने जा सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि सिंधिया आखिरी बार पिछले साल की 10 जून को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे, इसके बाद अब उनका यह कार्यक्रम तय हुआ है. वैसे सिंधिया समर्थकों का कहना है कि ये नियमित दौरा है, क्योंकि हर माह सिंधिया इस तरह का दौरा करते हैं. सिंधिया आज से नहीं पिछले कई सालों से प्रतिमाह चंबल, भोपाल संभाग और मालवा के दौरे करते रहे हैं, इसका प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा की दावेदारी से कोई संबंध नहीं है.