न्यायिक संस्थाएं साक्ष्य के आधार पर महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए फैसले सुना सकती हैं : ईरानी
By भाषा | Updated: February 17, 2021 20:57 IST2021-02-17T20:57:08+5:302021-02-17T20:57:08+5:30

न्यायिक संस्थाएं साक्ष्य के आधार पर महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए फैसले सुना सकती हैं : ईरानी
नयी दिल्ली, 17 फरवरी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि न्यायिक संस्थाएं उसके सामने प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर महिलाओं के हितों की रक्षा में फैसले दे सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी को बरी किए जाने के बाद ईरानी ने यह टिप्पणी की।
फैसले के बारे में पूछे जाने पर सीधे जवाब देने से परहेज करते हुए ईरानी ने कहा कि उन्हें अभी अदालत के आदेश के बारे में विस्तार से नहीं पता है।
संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जब तक सारे विवरण मिल ना जाएं इस पर बयान देना गैर जिम्मेदाराना रुख होगा।’’
महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन मैं राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर केवल राजनीतिज्ञ के रूप में नहीं बल्कि एक महिला होने के नाते पहले भी कह चुकी हूं कि हर महिला को कानून के तहत संरक्षण मिला हुआ है। मुझे मालूम है कि सामने रखे गए साक्ष्य के आधार पर देश भर में न्यायिक संस्थाएं महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए समुचित फैसले की घोषणा कर सकती है।’’
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने अकबर की शिकायत यह कहते हुए खारिज कर दी कि उनके (रमानी के) खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं किया जा सका।
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