JNU हिंसाः छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी पर दुविधा में छात्र, नए समेस्टर के लिए पंजीकरण कराएं या नहीं

By भाषा | Updated: January 9, 2020 20:49 IST2020-01-09T20:49:57+5:302020-01-09T20:49:57+5:30

जेएनयू में करीब 8000 छात्र हैं। कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मंत्रालय में तय किए गए फार्मूले से पूछे नहीं हटा गया है। कुमार ने कहा कि छात्रों से सेवा या उपयोगिता शुल्क नहीं वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने यूजीसी को पत्र लिखकर कोष जारी करने का अनुरोध किया है।

JNU violence: Students in dilemma over increase in hostel fees, register for new semester | JNU हिंसाः छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी पर दुविधा में छात्र, नए समेस्टर के लिए पंजीकरण कराएं या नहीं

कई दौर की बातचीत हुई और ‘आंशिक रूप से बढ़ा हुआ शुल्क वापस’ लिया गया और ‘माफ’ किया गया।

Highlightsइस बात को लेकर दुविधा में हैं कि नए समेस्टर के लिए पंजीकरण कराएं या नहीं।जेएनयू ने पिछले साल नवंबर में छात्रावास फीस में बढ़ोतरी की घोषणा की थी।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों के एक तबके ने छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ बृहस्पतिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला।

वहीं, ‘आंदोलन’ नहीं कर रहे छात्र शुल्क की राशि को लेकर स्पष्टता नहीं होने के चलते इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि नए समेस्टर के लिए पंजीकरण कराएं या नहीं। जेएनयू ने पिछले साल नवंबर में छात्रावास फीस में बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिसके बाद कई दौर की बातचीत हुई और ‘आंशिक रूप से बढ़ा हुआ शुल्क वापस’ लिया गया और ‘माफ’ किया गया।

वहीं छात्र परीक्षाओं का बहिष्कार करने के लिए सड़कों पर उतर आए। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को मुद्दे के समाधान के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। बहरहाल, विश्वविद्यालय ने एक जनवरी से समेस्टर के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया।

कुलपति एम जगदीश कुमार समेत विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि छात्रों से उपयोगिता और सेवा खर्च नहीं वसूला जाएगा। हालांकि इस बात की कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जिस वजह से असमंजस की स्थिति है। अंतरराष्ट्रीय संबंध में एमए कर रहे एक छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘ मेरा प्रदर्शनों से कुछ लेना देना नहीं है। मैं किसी भी प्रदर्शन में नहीं गया लेकिन मैंने अब तक पंजीकरण नहीं कराया। मुझे नहीं पता है कि अंतत: क्या शुल्क वसूला जा रहा है। एक व्यक्ति कुछ कह रहा है, दूसरा कुछ कहा है।’’

स्कूल ऑफ लिंग्विस्टि्स के एक अन्य छात्र ने कहा, ‘‘ झारखंड में रहने वाला मेरा परिवार रोज़ मुझे फोन करके पूछ रहा है कि मैंने अब तक पंजीकरण क्यों नहीं कराया है। मैं एक समेस्टर को बर्बाद नहीं करना चाहता हूं लेकिन इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि हमें कितना भुगतान करना है। मुझे बताया गया है कि बिजली जैसे उपयोगिता एवं सेवा शुल्क नहीं लिए जाएंगे लेकिन जब मैंने पोर्टल खोला तो वह ‘वास्तविक के अनुसार’ कहता है। यह कैसे मुमकिन है?’’

एक अन्य छात्र ने कहा, ‘‘ हममें से कई को यह दुविधा है कि अभी हमसे इसका पैसा नहीं लिया जा रहा है लेकिन बाद में हमें कहा जाएगा कि वास्तव में जितना बिल है उसके हिसाब से भुगतान करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब हमने अधिसूचना के बारे में पूछा तो हमें ‘प्रदर्शन गैंग’ के हिस्से के तौर पर देखा जाने लगा, जबकि हम सिर्फ फीस पर स्पष्टता चाहते हैं जो हमें देनी है।’’ अब तक 3300 छात्रों ने नए समेस्टर के लिए पंजीकरण कराया है और कमरे का बढ़ा हुआ किराया देने को राज़ी है।

जेएनयू में करीब 8000 छात्र हैं। कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मंत्रालय में तय किए गए फार्मूले से पूछे नहीं हटा गया है। कुमार ने कहा कि छात्रों से सेवा या उपयोगिता शुल्क नहीं वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने यूजीसी को पत्र लिखकर कोष जारी करने का अनुरोध किया है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों और जेएयून छात्र संघ के बीच हुई बैठक और बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ हुई बैठक में, यह तय किया गया था कि जेएनयू प्रशासन सिर्फ कमरे का बढ़ा हुआ किराया वसूलेगा जबकि सेवा और उपयोगिकता शुल्क विश्वविद्यालय अनुदान आयोग वहन करेगा। हालांकि छात्र संघ ने इसे मानने से इनकार करते हुए बढ़ा हुआ पूरा शुल्क वापस लेने की मांग की थी। 

Web Title: JNU violence: Students in dilemma over increase in hostel fees, register for new semester

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