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केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा- जेएनयू के फीस बढ़ने का मुद्दा सुलझ चुका है, छात्रों का प्रदर्शन जारी रखना उचित नहीं

By भाषा | Updated: January 13, 2020 20:59 IST

जेएनयू परिसर में पांच जनवरी को नकाबपोश भीड़ ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों पर हमला किया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को आरोप लगाया कि जेएनयू परिसर में पांच जनवरी को हुए हमले में वामपंथी छात्र संगठनों और कांग्रेस की छात्र ईकाई की मिलीभगत है।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को कहा कि जेएनयू छात्रों का विरोध जारी रखना उचित नहीं है।उन्होंने कहा कि शुल्क वृद्धि का मुद्दा सुलझाया जा चुका है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को कहा कि जेएनयू छात्रों का विरोध जारी रखना उचित नहीं है क्योंकि शुल्क वृद्धि का मुद्दा सुलझाया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की चर्चा के बाद जेएनयू के शुल्क संबंधी मुद्दों का समाधान हो चुका है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘छात्रों की मुख्य मांग सेवा और सुविधा शुल्कों में वृद्धि तथा अन्य संबंधित मुद्दों का अब निपटारा किया जा चुका है। इसलिए छात्रों द्वारा प्रदर्शन जारी रखना उचित नहीं है।’’ इधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को आरोप लगाया कि जेएनयू परिसर में पांच जनवरी को हुए हमले में वामपंथी छात्र संगठनों और कांग्रेस की छात्र ईकाई की मिलीभगत है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संगठन एबीपीवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह हमला पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था।एबीवीपी ने संवाददाता सम्मेलन में अपने दावों की पुष्टि के लिए आठ वीडियो भी जारी किए और मांग की कि इस मामले की व्यापक जांच हो। वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने अपनी तरफ से हमले के पीछे एबीवीपी का हाथ होने का आरोप लगाया है। परिसर में पांच जनवरी को हुए हमले में 35 छात्र घायल हो गए थे।

वहीं, जेएनयू के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने सोमवार को फीस वृद्धि के मुद्दे पर प्रशासन के साथ टकराव के बीच कक्षाओं का बहिष्कार किया। कक्षाएं सोमवार को शुरू होने वाली थीं लेकिन सामूहिक बहिष्कार के कारण शुरू नहीं हो पायीं। विश्वविद्यालय के पीएचडी के छात्र प्रशांत कुमार ने कहा कि स्नातकोत्तर और स्नातक के विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।कुमार ने कहा, ‘‘ कुलपति ने विभिन्न केंद्रों को समय सारिणी तैयार करने के लिए लिखा है लेकिन इस संबंध में बात आगे नहीं बढ़ी। कक्षा आज शुरू नहीं हुईं लेकिन एक दो दिन में शुरू हो सकती हैं।’’ सामाजिक विज्ञान विद्यालय के एक विद्यार्थी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘ हम पहले मुद्दों का समाधान चाहते हैं, तब ही हम पढाई पर ध्यान लगा सकते हैं। बस नयी शरूआत के लिए हम अतीत को नहीं भूल सकते।’’जेएनयू परिसर में पांच जनवरी को नकाबपोश भीड़ ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों पर हमला किया था। छात्र संघ ने पहले कहा था कि वह हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस का नहीं बल्कि बस ट्यूशन फीस का ही भुगतान करके पंजीकरण सुनिश्चित करेगा लेकिन जब उसने देखा कि प्रशासन ने कई विद्यार्थियों के लिए पंजीकरण पोर्टल बंद कर दिया है तो उन्होंने अपना फैसला स्थगित कर दिया।शिक्षक संघ ने भी फीस वृद्धि और पांच जनवरी की हिंसा समेत कई मुद्दों पर अकादमिक विषयों में असहयोग का आह्वान किया है। शिक्षक और विद्यार्थी कुलपति एम जगदीश कुमार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)रमेश पोखरियाल निशंकदिल्लीमोदी सरकार
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