JNU इस साल जारी कर सकता है ऑनलाइन कोर्स, दूर-दराज, ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने का उद्देश्य
By आकाश चौरसिया | Published: February 3, 2024 02:51 PM2024-02-03T14:51:04+5:302024-02-03T15:00:35+5:30
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छोटी अवधि के लिए देश भर में छात्रों के लिए ऑनलाइन कोर्स की योजना बना रहा है, साथ ही ये भी यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि ई-लर्निंग सेमगेंट में प्रवेश करने का उद्देश्य है।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छोटी अवधि के लिए देश भर में छात्रों के लिए ऑनलाइन कोर्स की योजना बना रहा है, साथ ही ये भी यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि ई-लर्निंग सेमगेंट में प्रवेश करने का उद्देश्य है। इसके अलावा अधिकारिक तौर पर कहा कि विश्विद्यालय दूर-दराज इलाकों तक पहुंच बनाने के लिए ई-लर्निंग के बुनियादों ढांचे पर काम कर रहा है।
स्पेशल सेंटर फॉर ई-लर्निंग, जेएनयू के अध्यक्ष बी एस बालाजी ने बताया, ''जेएनयू को 455 करोड़ रुपये का एचईएफए कर्ज मिला है और वह इसके जरिए पाठ्यक्रमों को विकसित करने के बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।'' उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय कैमरा, लाइट और ध्वनिरोधी सुविधाओं के साथ एक वीडियो रिकॉर्डिंग कक्ष स्थापित करने की योजना बना रहा है, जहां शिक्षक इन कक्षाओं को आयोजित या रिकॉर्ड कर सकें। इस बात की जानकारी पीटीआई ने दी है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों, राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं पर 6 से 8 खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी हैं, जिन्हें भविष्य में शुरू किया जाएगा। ये पाठ्यक्रम 'स्वायाम' प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा, कुछ पाठ्यक्रम जेएनयू डिजी परिसर के एलएमएस पोर्टल पर भी होस्ट किए जाएंगे।
इस वर्ष, जेएनयू ने भारतीय आर्कटिक नीति (आईएपी) पर अपने स्नातक कार्यक्रम के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अनुमोदित जलवायु और पर्यावरण संरक्षण पर एक 4 क्रेडिट और 15 हफ्ते लंबी अवधि पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) शुरू करने की योजना बनाई है।
छात्र इन पाठ्यक्रमों से जुड़े क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं, जो सत्र के अंत में एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने पर उनके अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर दिखाई देंगे। यह अनुमान लगाया गया है कि जेएनयू एलएमएस के लिए विकसित किए जाने वाले कई पाठ्यक्रमों को भविष्य के यूजी और पीजी कार्यक्रमों के साथ एकीकृत किया जाएगा।