J&K Assembly Elections 2024: कश्मीर के चुनावों के लिए सुरक्षा एक चुनौती, बड़ी संख्या में की जा रही सुरक्षाबलों की तैनाती
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 22, 2024 08:54 IST2024-08-22T08:52:53+5:302024-08-22T08:54:20+5:30
10 सालों के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय होने के कारण जम्मू कश्मीर में सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनने जा रही है जिस कारण बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनती की जाने लगी है।

J&K Assembly Elections 2024: कश्मीर के चुनावों के लिए सुरक्षा एक चुनौती, बड़ी संख्या में की जा रही सुरक्षाबलों की तैनाती
जम्मू: 10 सालों के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय होने के कारण जम्मू कश्मीर में सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनने जा रही है जिस कारण बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनती की जाने लगी है। जम्मू कश्मीर आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है, जो 18 सितंबर से शुरू होकर तीन चरणों में होने वाले हैं।
चुनावों में संभवतः केंद्र शासित प्रदेश भर में विभिन्न बटालियनों से बड़ी संख्या में पुलिस इकाइयों की तैनाती शामिल होगी। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत चुनाव प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को प्रमुख क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चुनाव अवधि के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए जहां भी आवश्यक होगा, वहां अतिरिक्त सीएपीएफ इकाइयां तैनात की जाएंगी। सूत्रों ने कहा कि उनकी ड्यूटी में सफाई अभियान चलाना और आतंकवादी गतिविधियों से किसी भी संभावित व्यवधान को रोकने के प्रयास में आतंकवाद विरोधी ग्रिड को मजबूत करना शामिल होगा, खासकर पिछले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र में हुए हालिया हमलों के मद्देनजर।
तैयारियों पर एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के तहत, हम एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनावों के दौरान की गई व्यवस्थाओं के अलावा सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि उम्मीदवारों की सुरक्षा और चुनाव प्रचार तथा मतदान प्रक्रिया के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मियों की तैनाती की उम्मीद है। अधिकारियों के बकोल, चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और मतदाताओं दोनों की सुरक्षा पर जोर देते हुए सुरक्षा व्यवस्था को सावधानीपूर्वक तैयार किया जा रहा है।
सूत्रों ने आगे बताया कि अधिकारी जिला सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा तंत्र मजबूत हो और प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप हो। एक सुरक्षा सूत्र का कहना था कि मतदान केंद्रों की संवेदनशीलता के आधार पर उन्हें मजबूत करने के लिए एक व्यापक सुरक्षा खाका तैयार किया जा रहा है।
संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की जाएगी और विघटनकारी व्यवहार के इतिहास वाले व्यक्तियों की निगरानी के लिए निगरानी प्रयासों को बढ़ाया जाएगा। भौतिक सुरक्षा उपायों के अलावा, अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल चुनावों में बाधा डालने के लिए किया जा सकता है।
राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा हिंसा या विध्वंसकारी गतिविधियों को भड़काने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सतर्क निगरानी और त्वरित कार्रवाई रणनीति का हिस्सा होगी। समग्र योजना के हिस्से के रूप में, संचार और रिपोर्टिंग चैनलों को बढ़ाने के लिए जम्मू और कश्मीर में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को मजबूत किया जाएगा।
सूत्र का कहना था कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए विघटनकारी ताकतों द्वारा किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए कड़ी सुरक्षा बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इस साल की शुरुआत में संसदीय चुनावों के सफल आयोजन को देखते हुए, सुरक्षा अधिकारियों को विश्वास है कि बढ़ी हुई तैयारियों के साथ, आगामी विधानसभा चुनाव सुचारू रूप से संपन्न होंगे। योजना में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना था कि हम कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उम्मीदवारों, मतदाताओं की सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।