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LOC: नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीमा पर 8,600 बंकर बनकर तैयार, 15 हजार का है लक्ष्य

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: November 27, 2021 16:06 IST

केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश के गोलाबारी प्रभावित इलाकों में पंद्रह हजार के करीब बंकरों बनाए जाने हैं। इनमें से 8600 बंकर बन कर तैयार हैं तो वहीं सात हजार के करीब बंकर बनाया जाना बाकी। केंद्र सरकार की ओर से भी यह दवाब डाला जा रहा है कि बंकर निर्माण का काम जल्द पूरा हो।

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ठळक मुद्देसीमा पर नागरिकों को छिपने के लिए चार साल में बनाए गए 8600 बंकरराज्य के सीमांत जिलों में रोटी-कपड़ा-मकान से भी पहले बंकरों की है मांग

जम्मू: एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर सीजफायर ने बीते शुक्रवार को 18 साल पूरे कर लिए। इसके बावजूद एलओसी पर कई बार गरजते पाक तोपखानों ने सीमावासियों को मजबूर किया है कि वे निजी बंकरों को तैयार करें। गोलाबारी से होने वाली लगातार मौतों के चलते अधिक से अधिक बंकरों की मांग भी बढ़ती जा रही है। यही नहीं, हैरान करने वाली बात भले ही हो, लेकिन यह पूरी तरह से सच है कि 814 किमी लंबी एलओसी अर्थात लाइन आफ कंट्रोल से सटे गांवों में रहने वाले लाखों परिवारों को भोजन, सड़क, बिजली और पानी से अधिक जरूरत उन भूमिगत बंकरों की है जिनमें छुप कर वे उस समय अपनी जानें बचाना चाहते हैं जब पाकिस्तानी सैनिक सीजफायर क उल्लंघन करते हुए नागरिक ठिकानों को निशाना बना गोलों की बरसात करते हैं।

जानकारी के लिए 1999 में करगिल युद्ध के बाद से तो भूमिगत बंकर सीमांत नागरिकों के जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं। जम्मू कश्मीर में एलओसी और इंटरनेशल बार्डर के इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को पाक गोलाबारी से बचाने की खातिर जो 15,000 भूमिगत बंकर बनाने की अनुमति प्रदान की गई थी, उसकी कछुआ चाल का नतीजा यह है कि चार सालों में सिर्फ 8,600 बंकर ही बन कर तैयार हुए हैं। 

एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर पाकिस्तान की ओर से अक्सर गोलाबारी में लाई जाने वाली तेजी के कारण सीमांत क्षेत्रों में जल्द बंकर बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश के गोलाबारी प्रभावित इलाकों में पंद्रह हजार के करीब बंकरों बनाए जाने हैं। इनमें से 8600 बंकर बन कर तैयार हैं तो वहीं सात हजार के करीब बंकर बनाया जाना बाकी। केंद्र सरकार की ओर से भी यह दवाब डाला जा रहा है कि बंकर निर्माण का काम जल्द पूरा हो।

अधिकारियों का कहना है कि पाक सैनिक कभी भी दोबारा जंग बंदी तोड़ सकते हैं, इसलिए हमने ग्रामीणों की किसी भी आपात स्थिति में मदद की एक कार्य योजना तैयार की है। इसके अलावा एलओसी के साथ सटी अग्रिम नागरिक बस्तियों में सामुदायिक बंकरों का निर्माण तेज किया गया है। बारामुला जिले में हमारे पास पहले ही 20 सामुदायिक बंकर हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 44 नए बंकरों का मंजूर किया है। सीमांत जिलों के लोग भी मांग कर रहे हैं कि क्षेत्र में जल्द से जल्द बंद कर बनाए जाएं ताकि पाकिस्तान की गोलाबारी से जानमाल का नुकसान न हो। यह मुद्दा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ भी जोरशोर से उठाया जा रहा है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरएलओसीKargil
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