रांची: झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को रायपुर में ले जाया जा रहा है। विधायकों संग राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हैं। मंगलवार को यूपीए गठबंधन के विधायकों के रायपुर के लिए रवाना हो रहे हैं। जहां वे रायपुर के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में रहने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि रिसॉर्ट में विधायकों की मेजबानी करने की तैयारी चल रही थी।
सोरेन ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का सत्तारूढ़ गठबंधन शनिवार को उनके भाग्य पर अनिश्चितता शुरू होने के बाद से बरकरार है। गैर-भारतीय जनता पार्टी सरकार के साथ विधायकों को "मित्र राज्य" में भेजे जाने की अटकलों के बीच उन्होंने खूंटी जिले के लतरातू बांध पर सांसदों के साथ नाव की सवारी भी की थी।
इससे पहले मुख्यमंत्री सोरेन ने विधायकों के साथ बैक-टू-बैक बैठकें कीं। पिछले सप्ताह भारत के चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की स्पष्ट सिफारिश के बाद राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है। सोरेन को "लाभ के पद" की शिकायत पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अयोग्यता का सामना करना पड़ा, जिसमें उन पर रांची के पास एक भूखंड पर खनन पट्टा रखने का आरोप लगाया गया था।
गौरतलब है कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं। इनमें झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक सदस्य हैं। यूपीए मुख्य विपक्षी भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया जा रहा है। भाजपा के पास 26 विधायक हैं। वहीं भाजपा ने मुख्यमंत्री पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।