झारखंड में फल-सब्जी बेचने वालों के सरकार गिराने की बात पर छिड़ा है बवाल, पुलिस के दावे पर उठ रहे कई सवाल 

By एस पी सिन्हा | Updated: July 26, 2021 19:23 IST2021-07-26T19:13:59+5:302021-07-26T19:23:08+5:30

झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार गिराने की कथित रूप से साजिश रचे जाने वाले मामले को लेकर सियासी पारा बढ़ता जा रहा है विपक्षी दल भाजपा इस मामले को लेकर मुखर है। पुलिस के द्वारा किये जा रहे दावे पर सवाल उठाये जा रहे हैं।

Jharkhand: ruckus over fall of government by fruits and vegetable sellers, many questions raised on the claim of police | झारखंड में फल-सब्जी बेचने वालों के सरकार गिराने की बात पर छिड़ा है बवाल, पुलिस के दावे पर उठ रहे कई सवाल 

हेमंत सोरेन। (फाइल फोटो)

Highlightsझारखंड में हेमंत सोरेन सरकार गिराने की कथित साजिश को लेकर सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। इस मामले में विपक्षी दल भाजपा काफी मुखर है और पुलिस के दावे पर सवाल उठाये जा रहे हैं। गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आरोपियों में से फल-सब्जी बेचने वाला तो दूसरा ठेका मजदूर है। 

रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार गिराने की कथित रूप से साजिश रचे जाने वाले मामले को लेकर सियासी पारा बढ़ता जा रहा है विपक्षी दल भाजपा इस मामले को लेकर मुखर है। पुलिस के द्वारा किये जा रहे दावे पर सवाल उठाये जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि 21 जुलाई 2021 को जयकुमार बेलखडे़ के साथ मोहित भारतीय, अनिल कुमार, जयकुमार शंकरराव, आशुतोष ठक्कर फ्लाइट से रांची पहुंचे और रांची स्थित होटल ली-लेक में आकर रुके। ऐसे में अब सवाल यह उठाए जा रहे हैं कि पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे गये पलामू के रहने वाले अभिषेक दुबे और बोकारो के अमित सिंह व निवारण महतो से इनका संपर्क कैसे हुआ? निवारण महतो बोकारो में सब्जी और फल बेचता है, जबकि अमित सिंह बोकारो स्टील फैक्ट्री में बतौर ठेका मजदूर काम करता है। 

पुलिस का दावा है कि राज्य के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की साजिश रची जा रही थी। पुलिस के मुताबिक, 22 जुलाई को बेरमो विधायक अनूप सिंह उर्फ जयमंगल सिंह ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद जांच और छापेमारी की गई। इस दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने सरकार के खिलाफ साजिश करना कबूल किया और कुछ राजनीतिक व्यक्तियों के संपर्क में रहने की बात स्वीकार की। 

पुलिस ने कहा है कि अपने बयान में इन लोगों ने कहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त कर विधानसभा में मतदान के दौरान सरकार गिराने की तैयारी थी। इसलिए विधायकों को मैनेज किया जा रहा था। हालांकि उसने विधायकों के नाम का खुलासा नहीं किया है। बयान में आरोपी ने किसी का नाम नहीं लिया है।

कांग्रेस के जिस विधायक के नाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। वह जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी हैं. लेकिन इनके भाजपा में जाने के मामले पर ही सवाल उठाये जा रहे हैं। इरफान अंसारी के पिता फुरकान अंसारी पुराने कांग्रेसी हैं और कई बार विधायक-मंत्री व सांसद रह चुके हैं। ऐसे में इन पर संदेह ही नहीं व्यक्त किया जा सकता है। इनके अलावा बरकट्ठा के निर्दलीय विधायक अमित यादव, बरही के कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला शामिल हैं। ऐसे में मात्र तीन विधायकों के तोडे़ जाने की बात भी गले से नही उतर रही है। कारण कि इन तीन विधायकों के सरकार के खिलाफ जाने से भी भाजपा को कोई लाभ नही होने वाला है, क्योंकि भाजपा के मात्र 25 विधायक हैं। अगर ये लोग साथ भी जाते तो इनकी संख्या 28 होती, जबकि 81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कम से कम 42 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। ऐसे में पुलिस के दावे पर सवाल उठाये जा रहे हैं। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि झारखंड में क्या नेताओं की कमी हो गई थी, जो इन व्यवसायी व महाराष्ट्र के भाजपा नेता को सब्जी बेचने वाले और ठेका मजदूर के सहारे सरकार को गिराने की रणनीति बनानी पड़ी?

बताया जा रहा है कि 21 जुलाई को रांची के होटल ली-लैक में महाराष्ट्र के विधायक चंद्रशेखर राव बाबनकुले के भांजे जय कुमार बेलखडे़ के साथ मोहित भारतीय भी ठहरे थे। इनके संबंध में रांची पुलिस को सूचना मिली है कि मोहित महाराष्ट्र के बडे़ व्यवसायी हैं। भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के करीबी बताए जाते हैं। उनका वास्तविक नाम मोहित कंबोज है। मुंबई में इनका सोने-चांदी और रीयल एस्टेट का व्यापार है। वह केबीजे ग्रुप के चेयरमैन हैं। बिहार में एथेनाल उत्पादन की इकाई शुरू करने के लिए उनका ग्रुप योजना बना रहा है। 36 वर्षीय मोहित मुंबई भाजपा के महासचिव और उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह मुंबई में भारतीय जनता युवा मोर्चा और उत्तर भारतीय मोर्चा के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। 2014 में वह मुंबई की ढिंडोशी विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं, जबकि चंद्रशेखर बावनकुले महाराष्ट्र में तीन बार भाजपा के विधायक एवं देवेंद्र फडणवीस सरकार में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं। भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्हें 2019 में पार्टी का टिकट नहीं दिया गया। 

वहीं, पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार महाराष्ट्र मॉडल पर अवैध रूप से पुलिस को कठपुतली बनाकर पैसा कमाने के फिराक में कार्रवाई करवा रही है। उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार, हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एसआईटी गठन कर जांच कराए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार पुलिस को आगे कर धंधा करवा रही है। पुलिस सरकार की टूल्स बनकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि दो आरोपियों को बोकारो से 22-23 जुलाई की रात गिरफ्तार किया गया, जिन्हें कुछ खास लोग सफेद स्कार्पियो में बिठाकर रांची लाने का कार्य किया है, किन्तु रांची पुलिस इन युवकों की गिरफ्तारी 23-24 की रात रांची के होटल से गिरफ्तारी दिखला रही है। पुलिस की यह कार्रवाई संदेह खड़ा कर रही है। 

 

Web Title: Jharkhand: ruckus over fall of government by fruits and vegetable sellers, many questions raised on the claim of police

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