Jharkhand Minister Alamgir Alam Jail: झारखंड में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पद चिन्हों पर चलते हुए जेल जाने के बावजूद झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में मंत्री के जेल में रहने से विभाग में कामों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गई है। आदर्श चुनाव आचार संहिता के समाप्त होने के बाद जब विभिन्न विभाग में योजनाओं पर मंत्री की सहमति की बात सामने आ रही है तो अधिकारी ठिठक जा रहे हैं। मंत्री के बगैर अधिकारी अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आलमगीर आलम करीब-करीब एक माह से जेल में बंद हैं। लेकिन उन्होंने अब तक न तो इस्तीफा दिया है, न ही मुख्यमंत्री के स्तर पर उन्हें हटाने का फैसला हो पाया है। झारखंड में इसके पहले भी कई मंत्री गिरफ्तार हुए थे, लेकिन जेल जाते ही उन्हें पद से हटना पड़ा था। यहां तक कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए जब ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया तो उन्होंने हिरासत में लिए जाने के पहले रात 10 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं, आलमगीर आलम की हैसियत राज्य सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो मंत्री की रही है।
उनके जिम्मे ग्रामीण विकास, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य के अलावा संसदीय कार्य विभाग भी है। विधानसभा सत्र आहूत करने से लेकर सदन के भीतर सरकार की ओर से बिल पेश किए जाने एवं विधायी कार्यों से जुड़े मुद्दे पर निर्णय लेने में संसदीय कार्य मंत्री की अहम भूमिका होती है। इसी तरह ग्रामीण विकास की तमाम योजनाओं में कई स्तरों पर मंत्री की मंजूरी की जरूरत होती है।
बताया जाता है कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के लिए कुल 17,702 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। नियमानुसार ढाई करोड़ से अधिक की किसी भी योजना में राशि आवंटन की मंजूरी मंत्री के स्तर से ही दी जा सकती है।
इसके अलावा मनरेगा, इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना, छात्रवृत्ति, वृद्धावस्था पेंशन योजनाओं के सुचारू संचालन में भी मंत्री के स्तर पर निगरानी और रिव्यू की जरूरत होती है। मंत्री आलमगीर आलम के जेल में रहने से ऐसे तमाम काम प्रभावित होने लगे हैं।
बता दें कि ईडी ने आलमगीर आलम को टेंडर कमीशन घोटाले में 15 मई की शाम को गिरफ्तार किया था। इसके पहले ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम सहित कई अन्य कई ठिकानों पर 6-7 मई को छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने 37 करोड़ से ज्यादा की रकम और कई आपत्तिजनक सामान बरामद की थी।