झारखंड: 'बदलाव यात्रा' शुरू कर झामुमो ने झोंकी ताकत, हेमंत सोरेन ने रघुवर सरकार पर साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Published: August 28, 2019 04:48 PM2019-08-28T16:48:59+5:302019-08-28T16:48:59+5:30
झारखंड में इसी वर्ष नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) दूसरी पार्टी है जिसने जोर शोर से चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी के तहत झामुमो 'बदलाव यात्रा' लाई है।
झारखंड में विधानसभा चुनाव की शुरू हुई सरगर्मी के बीच भाजपा के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा भी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झामुमो की 'बदलाव यात्रा' साहेबगंज से शुरू हो गई है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बदलाव यात्रा शुरू हुई है, जो विभिन्न जिला मुख्यालयों से होकर 19 अक्टूबर को रांची में संपन्न होगी.
अपनी बदलाव यात्रा के क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रघुवर सरकार पर जमकर निशाना साधा और युवाओं से लेकर किसानों से कई वादे भी किये. उन्होंने कहा कि मैं राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि मेरी सरकार बनते ही सभी को उसका हक मिलेगा. राज्य के आदिवासी को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
झामुमो नेता ने कहा कि अगर झामुमो की सरकार बनी तो गरीब परिवारों को सभी सुविधा के साथ-साथ आवास के लिए 3 लाख रुपए दिये जाएंगे. युवाओं को पहले साल 5 लाख नौकरियां और जब तक रोजगार नहीं मिलेगा, तबतक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बिचौलियों, महाजनों और साहूकारों से मुक्ति दिलाने के लिए हर गांव में किसान बैंक की स्थापना की जाएगी. यहां उचित मूल्य पर अपने गांव में ही किसान अपना उत्पाद बेच पाएंगे. खासमहल में रहने वालों को डर के साये में नहीं जीना पड़ेगा.
वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले पांच साल में रघुवर सरकार ने राज्य को तहस-नहस कर दिया. अगर अब भी सियासी चेतना नहीं जगी तो झारखंड का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. सरकारी कंपनियां बंद हो रही हैं. ऐसे में आरक्षण भी खत्म हो जाएगा. भाजपा शुरू से ही इसके पक्ष में रही है.
हेमंत के मुताबिक जो लोग यहां पर पांच फीसदी भी नहीं हैं, उनको 10 फीसदी का आरक्षण दिया गया. जबकि जिनकी आबादी 50 फीसदी है, उसको कुछ भी नहीं. पांच साल हुए घोटालों की फेहरिस्त काफी लंबी है. छत्तीसगढ, हरियाणा और पंजाब के लोगों को यहां नौकरी दी गई. ये आगे नहीं चलेगा. यहां उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव को नजदीक देख झारखंड में भाजपा के बाद झामुमो दूसरी पार्टी है जो अभी से ही चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. जबकि अभी अन्य दल जोड़-घटाव में ही व्यस्त दिख रहे हैं.