हाईकोर्ट की टिप्पणी- ‘‘हाथरस केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि झारखंड में भी है’’, गिरिडीह में 15 वर्षीया दलित लड़की को जलाया

By भाषा | Published: October 9, 2020 02:10 PM2020-10-09T14:10:37+5:302020-10-09T14:10:37+5:30

न्यायमूर्ति आनंद सेन की एकल पीठ ने लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा, ‘‘एक 15 वर्ष की लड़की को जलाकर मार दिया गया और छह माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई?’’

jharkhand high court Hathras Exists In Jharkhand Also Court On " Shoddy" Probe In Rape Case | हाईकोर्ट की टिप्पणी- ‘‘हाथरस केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि झारखंड में भी है’’, गिरिडीह में 15 वर्षीया दलित लड़की को जलाया

वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष जांच टीम का गठन किया जाये तथा उचित जांच करके दोषियों के खिलाफ शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई की जाये।

Highlightsदिल दहला देने वाली घटना उच्च न्यायालय के संज्ञान में लायी गयी है जिसके चलते अदालत उपर्युक्त टिप्पणी करने को प्रेरित हुआ है।तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हाथरस केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि झारखंड में भी है।’’आदेश सुनाये जाते समय गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक अमित रेणु और झारखंड सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन अदालत में उपस्थित थे।

रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय ने गिरिडीह में 30 मार्च को15 वर्षीया दलित लड़की को कथित रूप से जिंदा जलाने की घटना में नामजद आरोपियों के खिलाफ अब तक उचित कार्रवाई नहीं किये जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हाथरस केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि झारखंड में भी है।’’

न्यायमूर्ति आनंद सेन की एकल पीठ ने लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा, ‘‘एक 15 वर्ष की लड़की को जलाकर मार दिया गया और छह माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई?’’ अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह एक दिल दहला देने वाली घटना उच्च न्यायालय के संज्ञान में लायी गयी है जिसके चलते अदालत उपर्युक्त टिप्पणी करने को प्रेरित हुआ है।’’

आदेश सुनाये जाते समय गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक अमित रेणु और झारखंड सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन अदालत में उपस्थित थे। अदालत ने इस मामले की अब तक जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश देते हुये पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया कि आगे की जांच के लिये तत्काल योग्य वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष जांच टीम का गठन किया जाये तथा उचित जांच करके दोषियों के खिलाफ शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई की जाये।

विशेष जांच दल को इस कांड से जुड़े आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के आदेश दिये

अदालत ने विशेष जांच दल को इस कांड से जुड़े आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के आदेश दिये और कहा कि विशेष जांच दल को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी गवाह को धमकाया या प्रताड़ित नहीं किया जाये। अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को स्वयं इस मामले की जांच पर नजर रखने के निर्देश दिये हैं जिससे इसमें आगे कोई भी ढिलाई न हो।

इससे पूर्व अदालत ने कहा, ‘‘अंत्य परीक्षण (पोस्टमार्टम) की रिपोर्ट से साफ है कि लड़की का पूरा शरीर जल कर राख हो गया था। इस मामले में याचिकाकर्ता लड़की के पिता ने गिरिडीह के धनवार थाने में दर्ज प्राथमिकी में नामजद व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़िता के परिवार को मामला वापस लेने की धमकी दे रहे हैं।’’ याचिकाकर्ता ने छह माह बाद भी मामले की जांच के नाम पर उसके ही घर पर पुलिस द्वारा पिछले चार माह से लगाये गये ताले को हटाने की गुहार लगायी है।

सरकार ने इस मामले में झूठी शान के लिए हत्या: की आशंका भी जतायी

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस और सरकार ने इस मामले में झूठी शान के लिए हत्या: की आशंका भी जतायी है और मामले को उस दिशा में ले जाने का प्रयास किया है लेकिन फिलहाल वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेगा। इस मामले में पीड़िता के पिता ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा था कि 30 मार्च 2020 में यह घटना हुई है। इस मामले में पिंटू पासवान एवं अन्य को नामजद आरोपी बनाया गया है, लेकिन पुलिस अभी तक पिंटू पासवान को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जांच में लापरवाही बरत रही है। अदालत से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह प्रार्थी ने किया है। इस मामले में बुधवार को अदालत ने गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया था। बृहस्पतिवार को पुलिस अधीक्षक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सुपरविजन रिपोर्ट नहीं आने के कारण ही इस मामले में गिरफ्तारी नहीं की गयी थी।

अदालत ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या किसी मामले के नामजद आरोपी को सुपरविजन रिपोर्ट के बाद ही पुलिस गिरफ्तार करती है। क्या बिना सुपरविजन रिपोर्ट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती? यदि मामला झूठी शान के लिए हत्या का भी है, तो इस मामले में अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है? उच्च न्यायालय ने पुलिस से पूछा, ‘‘इस मामले में 20 दिन बाद लड़की का स्वाब क्यों भेजा गया था?’’’ अदालत ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘‘युवती के साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं इसकी जांच के लिए स्वाब 20 दिनों बाद क्यों भेजा गया? यह किस प्रकार की जांच है? इससे प्रतीत होता है कि पुलिस इस मामले में हीलाहवाली कर रही है। यह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है।’’

इस मामले में आरोप है कि 30 मार्च को गिरिडीह के ईटासानी गांव में पिंटू पासवान नामक युवक ने एक 15 वर्षीय नाबालिग को जिंदा जलाकर मार डाला था। इसके बाद से आरोपी फरार है। घटना के पीछे प्रेम प्रसंग की बात भी बतायी गयी थी। घटना के दिन पीड़िता के कमरे से आरोपी की टोपी और चप्पल भी बरामद किए गए थे। कमरे से मिट्टी के तेल की गंध आ रही थी। घटना के बाद पीड़िता के पिता शंकर पासवान ने पिंटू पर बेटी को जिंदा जलाकर मारने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी जिसमें कहा गया है कि उनका पूरा परिवार पूजा के लिए बाहर गया था।

उन्होंने प्राथमिकी में कहा था कि उनकी नाबालिग बेटी अकेले घर में थी। प्राथमिकी में कहा गया था कि जब सभी लोग घर लौटे तो शंकर घर से निकल कर भाग रहा था। प्राथमिकी के अनुसार उससे पूछा गया तो बहाना बना कर निकल गया और कमरे में जाने पर परिवार को उनकी बेटी का जला शव मिला था। 

Web Title: jharkhand high court Hathras Exists In Jharkhand Also Court On " Shoddy" Probe In Rape Case

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