झारखंड: चुनाव की तारीखों के साथ बज गया बिगुल, गठबंधन को लेकर अब भी पूरी तस्वीर साफ नहीं, छठ के बाद शुरू होगी असल जंग

By एस पी सिन्हा | Published: November 1, 2019 06:52 PM2019-11-01T18:52:08+5:302019-11-01T18:52:08+5:30

वर्तमान झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है. कुल 81 सीटें हैं, जिसमें 9 एससी के लिए सुरक्षित सीटें हैं. राज्य में 2.65 करोड मतदाता हैं.

Jharkhand: election dates announce real battle will start after Chhath puja | झारखंड: चुनाव की तारीखों के साथ बज गया बिगुल, गठबंधन को लेकर अब भी पूरी तस्वीर साफ नहीं, छठ के बाद शुरू होगी असल जंग

झारखंड चुनाव की तारीखों का ऐलान (फाइल फोटो)

Highlightsतारीखों के ऐलान से पहले ही झारखंड में पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी थीफिलहाल चुनावी माहौल में नेता छठ के आयोजनों में जुट गये हैं, छठ के बाद दोबारा शुरू होगी राजनीतिक गतिविधि

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही आज किया गया हो, लेकिन चुनाव प्रचार कई महीने से चल रहा है. सत्ताधारी दल बीजेपी, मुख्य विपक्षी पार्टी झामुमो, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक), कांग्रेस और आजसू ने अपनी ताकत दिखाने के लिए पिछले दिनों रैली और सभाओं का आयोजन किया. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जोहार जनआशीर्वाद यात्रा निकाली, तो हेमंत सोरेन ने बदलाव यात्रा निकाली. बाबूलाल मरांडी ने जनादेश यात्रा निकाली थी. कांग्रेस ने राज्य में अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए जनाक्रोश रैली का आयोजन किया था. 

फिलहाल चुनावी माहौल में नेता छठ के आयोजनों में जुट गये हैं. मंत्री क्षेत्र में छठव्रतियों की सेवा में जुटे हैं. कई दलों के लोग अलग-अलग घाटों की साज-सज्जा कराने में जुटे हैं. कहीं भजन संध्या का आयोजन होता है तो कहीं जागरण का. बडे से लेकर छोटे नेता तक छठ में पूरी तन्मयता से जुटे हैं. कहीं थोक दर पर फल व अन्य पूजन सामग्री मंगा कर रियायती दर पर छठव्रतियों को उपलब्ध कराते हैं. कुछ निशुल्क उपलब्ध कराते हैं. स्थिति यह है कि राजधानी में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को छोड़ लगभग सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र में जुट गये हैं. अब जो भी राजनीतिक गतिविधि होगी, वह छठ के बाद ही होगी. 

इसतरह से चुनाव आयोग की तैयारियों का साथ-साथ झारखंड में राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव परिणामों ने विपक्ष में नया जोश भर दिया है. सूत्रों की माने तो झारखंड में महागठबंधन में सीटों पर आपसी सहमति बन चुकी है. महागठबंधन का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा करेगी जबकि कांग्रेस नम्बर दो पार्टी होगी. महागठबंधन मे झारखंड विकास मोर्चा और राजद को भी शामिल करने की बातचीत चल रही है. साफ है हरियाणा के नतीजों ने विरोधी दलों को ये साफ संकेत दिया है कि अगर भाजपा को हराना है तो विपक्ष को एक साथ रहना पड़ेगा.

वहीं, एनडीए के सहयोगी दल जदयू ने झारखंड में गठबंधन से बाहर अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हालांकि भाजपा नेता ये मानते है कि झारखंड में जदयू के साथ रहने या अलग चुनाव लड़ने से भाजपा के वोट बैंक पर कोई असर नहीं पडने वाला है. जदयू का झारखंड में चुनाव लड़ने का बयान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान के बाद आया, जिसमें अमित शाह बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लडने का एलान कर चुके हैं. जानकारों की माने तो विपक्ष हमेशा ब्रांड मोदी से डरता रहा है. जब भाजपा ब्रांड मोदी पर चुनाव लड़ती हो तो विपक्ष के पास कुछ भी नहीं बचता, लेकिन जब-जब भाजपा अपने मुख्यमंत्रियों का चेहरा आगे कर चुनाव लड़ती है तो विपक्ष की संभवाना बढ जाती है. 

पहले कर्नाटक में भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा लेकर चुनाव लड़ी तो सत्ता के जादूई आंकडे से दूर रही और उसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में तो मुख्यमंत्री के चेहरों ने भाजपा को सत्ता से विपक्ष में बैठ दिया. लेकिन जब लोकसभा चुनाव आए और ब्रांड मोदी सामने आया तो विपक्षी दल ऐसे धराशाई हुए कि जिन राज्यों में कुछ दिन पहले सरकार बनी थी वहां खाता खोलने में ही मुश्किल आई. हरियाणा और महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा मुख्यमंत्री चेहरे के साथ मैदान में गई और दोनों जगह उसका जनाधार कम होता दिखा. ऐसे में विपक्ष को अब झारखंड में भी उम्मीद है कि रघुवर दास को हराना मुश्किल जरुर है, लेकिन असंभव नहीं है.

इसी रणनीति के तहत झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिये राजनतिक दलों ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. माइनस झाविमो महागठबंधन का रास्ता साफ होता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक सीट शेयरिंग को लेकर झामुमो-44, कांग्रेस-27, राजद-5 और वाम दल-5 के फॉर्मूले पर बातचीत जारी है. इसतरह से कांग्रेस और झामुमो के बीच बैठकों का दौर लगातार जारी है. इस बीच, चुनाव आयोग ने भी यह एलान कर दिया है कि झारखंड में पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. पहले फेज के लिए 30 नवम्बर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण के 7 दिसम्बर, तीसरा फेज के लिए 12 दिसम्बर, चौथे फेज के लिए 16 दिसम्बर और पांचवें फेज के लिए 20 दिसम्बर को वोट डाले जाएंगे. जबकि 23 दिसम्बर को मतगणना होगी. चुनाव के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. 

वर्तमान झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है. कुल 81 सीटें हैं, जिसमें 9 एससी के लिए सुरक्षित सीटें हैं. राज्य में 2.65 करोड मतदाता हैं. चुनाव आयोग की टीम 17 और 18 अक्टूबर को रांची आई थी और तैयारियों का जायजा लिया था. इस दौरान राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. पुलिसबल की उपलब्धता और हेलीकॉप्टर पर बातचीत हुई थी.

सूबे के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं. 13 अतिनक्सल प्रभावित जिले हैं. इसतरह से झरखंड में चुनावी रणभेरी बजते हीं अब सभी दल मैदान में कमर कसकर ताल ठोकते नजर आने लगेगें और उछल-कूद का अंतिम चरण भी पुरा हो जायेगा. कौन नेता किस दल से टिकट प्राप्त करने में सफल होते हैं, यह भी तस्वीर साफ हो जायेगा.

Web Title: Jharkhand: election dates announce real battle will start after Chhath puja

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