झारखंड: अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस को मिला नया अध्यक्ष, जानें कौन हैं डॉ रामेश्वर उरांव

By एस पी सिन्हा | Published: August 26, 2019 03:42 PM2019-08-26T15:42:15+5:302019-08-26T15:42:15+5:30

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. अजय कुमार के इस्तीफे के बाद लगातार चर्चा हो रही थी कि अगला अध्यक्ष कौन होगा?

Jharkhand: Congress struggling with infighting gets new president, electoral responsibility on the shoulder of Dr. Rameshwar Oraon | झारखंड: अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस को मिला नया अध्यक्ष, जानें कौन हैं डॉ रामेश्वर उरांव

झारखंड: अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस को मिला नया अध्यक्ष, जानें कौन हैं डॉ रामेश्वर उरांव

Highlights इसी साल झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाला हैडॉ. रामेश्वर उरांव मनमोहन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं

झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के बावजूद अंदरूनी कलह से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस ने आज राहत की सांस ली है. झारखंड प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष के पद पर डॉ  रामेश्वर उरांव को बैठाया गया है. इसके साथ ही पार्टी ने पांच कार्यकारी अध्यक्ष का भी ऐलान किया है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार कमलेश महतो, इरफ़ान अंसारी, मानस सिन्हा, संजय पासवान, राजेश ठाकुर को कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. अजय कुमार के इस्तीफे के बाद लगातार चर्चा हो रही थी कि अगला अध्यक्ष कौन होगा?

 इसी साल झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले कांग्रेस तैयारियों में जुट गई है. सूत्रों के अनुसार पार्टी ने आदिवासी मुस्लिम का कॉम्बिनेशन रखा है. पार्टी अपना वोटबैंक जानती है और पार्टी चुनाव में एक बार फिर उसी तरफ फोकस करेगी. झारखंड में अभी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम हैं, लेकिन सारे समीकरण को दरकिनार करते हुए आदिवासी चेहरे को अध्यक्ष का ताज दिया. डॉ. रामेश्वर उरांव मनमोहन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. 

अर्थशास्त्र में पीएचडी डॉ उरांव पांर्टी को राज्य में कितना मजबूत कर सकेंगे, यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा. लेकिन जिन हालातों में अजय कुमार ने इस्तीफा दिया, उससे पार्टी के कार्यकर्ता को एकजुट करने में परेशानी जरूर होगी. डॉ उरांव 14 फरवरी 1947 को पलामू के चियांकी में पैदा हुए थे.

आईपीएस की नौकारी से अवकाश प्राप्त करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और पलामू से सांसद हुए थे. इसके बाद 7 अप्रैल, 2008 को रामेश्वर उरांव ने मनमोहन सिंह सरकार के तहत पहली कैबिनेट में एक आदिवासी मामलों के मंत्री के रूप में शपथ ली थी. मनमोहन सिंह सरकार में वे अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन भी रहे हैं.

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