ईडी के द्वारा पूछताछ से बचने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री ने ली हाईकोर्ट की शरण, हुई आंशिक सुनवाई
By एस पी सिन्हा | Updated: October 6, 2023 15:47 IST2023-10-06T15:46:36+5:302023-10-06T15:47:08+5:30
याचिका में पीएमएलए एक्ट -2002 की धारा-50 व 63 की वैधता को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि उक्त धाराएं संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार का हनन करती हैं।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
रांची: ईडी के द्वारा पूछताछ से बचने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट अब 11 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। हेमंत सोरेन की ओर से दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर आज आंशिक रूप से सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस याचिका में कुछ त्रुटियां है।
कोर्ट ने हेमंत सोरेन को इस याचिका में जो त्रुटियां हैं, उसे दूर करने का आदेश दिया है। झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। प्रार्थी हेमंत सोरेन द्वारा याचिका में ईडी के समन एवं उसके अधिकार को चुनौती दी गई है।
याचिका में पीएमएलए एक्ट -2002 की धारा-50 व 63 की वैधता को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि उक्त धाराएं संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार का हनन करती हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट जाने की छूट दिये जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 23 सितंबर को याचिका दायर की थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उन्हें केंद्र के इशारे पर ईडी परेशान कर रही है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को दुर्भावना से ग्रसित बताया था।
उन्होंने कहा कि वे आदिवासी समुदाय से आते हैं, इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी नौजवान हूं और मेरे ऊपर बेनामी संपत्ति का आरोप लगता है। यहां आदिवासी जमीन और संपत्ति कैसे खरीद बिक्री होती है ये क्या पता है? जिस संपत्ति की ना तो खरीद होती है और ना बिक्री होती है। ना बैंक लेता है।
उस संपत्ति का कोई क्या करेगा? बता दें कि इससे पहले ईडी ने पांचवां समन जारी करते हुए 4 अक्टूबर को हेमंत सोरेन को रांची कार्यालय में पेश होने को कहा था। लेकिन उनकी ओर से ईडी दफ्तर को बताया गया कि झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका के निष्पादन तक ईडी कोई कोई कार्रवाई न करें।