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झारखंड: चंपई सोरेन सरकार की बढ़ी मुश्किलें, ED ने दो अन्य मंत्रियों को भी पूछताछ के लिए किया तलब, हो सकते हैं गिरफ्तार

By एस पी सिन्हा | Updated: May 23, 2024 21:44 IST

कथित टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के बाद अब ईडी ने चंपई सोरेन सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन को समन जारी किया है। ईडी ने दोनों मंत्रियों को आगामी 25 मई को पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया है।

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रांची: लोकसभा चुनाव की जारी गहमागहमी के बीच झारखंड में चंपई सोरेन सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। कथित टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के बाद अब ईडी ने चंपई सोरेन सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन को समन जारी किया है। ईडी ने दोनों मंत्रियों को आगामी 25 मई को पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि क्या आलमगीर आलम की तरह ईडी इन दोनों मंत्रियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। इससे पहले ईडी ने आईएएस अधिकारी मनीष रंजन को भी समन जारी किया था। 

मनीष रंजन ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव हैं, जिनसे ईडी 24 मई को पूछताछ करने वाली है। दरअसल, झारखंड में टेंडर घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने अपनी जांच तेज कर दी है। ईडी ने इस मामले में पिछले दिनों कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के सहयोगी के घर से छापेमारी कर 32 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे। इसके बाद ईडी ने आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके सहयोगी जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों से पूछताछ के बाद ईडी ने तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था। 

मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार होने के बाद आलमगीर आलम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब ईडी ने झारखंड सरकार को दो अन्य मंत्रियों को समन जारी किया है। इस बीच ईडी ने पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में ग्रामीण विकास विभाग में हुई कमीशनखोरी से जुड़े नये सबूत पेश किया है। इसमें मंत्री आलमगीर आलम व मनीष को दिये गये रुपयों के अलावा आलमगीर के घर तक रुपये पहुंचाने वाले के नाम भी शामिल हैं। 

इसी दस्तावेज में रुपये लाने वाले के नाम के साथ यह भी लिखा है कि रुपये किस रंग की थैली में लाये गये। इससे संबंधित ब्योरा मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए दायर पिटीशन में पेश किया गया है। वहीं, ईडी ने अब मनीष के बाद किसी ‘गुप्ता’ नामक व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है। ग्राम्य अभियंत्रण संगठन (आरईओ) के टेंडर घोटाले में ईडी ने कोड वर्ड के दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किया है। 

कोर्ड वर्ड में सीई, एम, टीसी, एच जैसे शब्दों का उपयोग किया गया है। इसमें सीइ और टीसी महत्वपूर्ण है। सीई यानी विभाग के मुख्य अभियंता हैं। इसके अलावा टीसी का उल्लेख है जो टेंडर कमेटी है। टेंडर कमेटी के अध्यक्ष अभियंता प्रमुख और मुख्य अभियंता होते हैं।

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