रांची:झारखंड विधानसभा में सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अबुआ बजट 145400 करोड़ का पेश किया। उन्होंने कहा कि जिन उद्देश्य के लिए राज्य का निर्माण हुआ यहां वो हो नहीं पाया। राज्य की संपूर्ण जनता जानती है कि राज्य की समस्याओं से मुख्यमंत्री अवगत थे, लेकिन बीच में उन्हें किस तरह की पीड़ा से गुजरना पड़ा था। इस बजट में कई लोगों के सुझाव आए थे। जिसे राज्य के बजट में शामिल किया गया है। इसलिए सरकार ने इसे अबुआ बजट का नाम दिया गया है। इस बजट के माध्यम से राज्य के निचले स्तर के लोगों तक पहुंचने का काम किए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा गठबंधन की सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने बजट पेश करने के दौरान सरकार की कई योजनाओं को गिनने का काम किया। राज्य के विकास का दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 1,45,400 करोड़ के बजट को 3 भागों में बांटा गया है। सोशल सेक्टर को सबसे अधिक 62,840.45 करोड़ रुपए दिये गये हैं। इकोनॉमिक सेक्टर के लिए 44,675.19 करोड़ रुपए और कॉमन सेक्टर के लिए 37,884.36 करोड़ रुपए वित्त मंत्री ने आवंटित किये हैं। 1,10,636 करोड़ 70 लाख रुपए राजस्व व्यय मद में खर्च करने की बात वित्त मंत्री ने कही है।
यह पिछले बजट में आवंटित राशि की तुलना में 20.48 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय के लिए 34,763.30 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सरकार ने बजट में आधारभूत संरचना के विकास पर जोर दिया है। इसके लिए लिये गये ऋण को चुकाने के लिए सरकार लगातार सिंकिंग फंड में निवेश कर रही है। अब तक 2,282 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है।
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि इस वर्ष सरकार 638.13 करोड़ रुपए इस फंड में निवेश करेगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि बजट का कुल योजना आकार 91 हजार 741 करोड़ 52 लाख 80 हजार रुपए है। इसमें से 13 विभागों की 200 योजनाओं के आउटकम बजट की राशि 45,855 करोड़ रुपए है, जो योजना बजट का लगभग 50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि आउटकम बजट से संबंधित विभागों की 42 योजनाओं के आधार पर बाल बजट भी तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य राज्य में बच्चों का समुचित विकास है। बाल बजट के लिए सरकार ने 9,411.27 करोड़ रुपए का प्रबंध किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व आय (टैक्स और नॉन-टैक्स) से सरकार की आय लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2019-20 में राज्य को अपने स्रोतों से कुल 25,521 करोड़ रुपए की आय हुई थी। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 41,429.88 करोड़ रुपए हो गई। वर्ष 2025-26 में इसके 61,056.12 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में बिना कोई नया टैक्स लगाये राजस्व बढ़ाने के उपायों पर सरकार काम कर रही है।
राधाकृष्ण किशोर ने बजट भाषण के दौरान केंद्र के पास झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया होने का दावा दोहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार केंद्र से बकाया राशि की मांग कर रहे हैं। अगर राज्य का पैसा नहीं मिला तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र का बकाया पैसा नहीं मिलने की वजह से कई विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। केन्द्रांश मद की राशि भी राज्य को कम उपलब्ध कराई जा रही है। इस वर्ष पेश किए गए बजट का आकार पिछले वर्ष की तुलना में 12.81 प्रतिशत ज्यादा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2029 तक राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 10 ट्रिलियन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल राज्य की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन की है। नए वित्तीय वर्ष में 11,253.44 करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया गया है। आर्थिक विकास दर स्थिर मूल्यों पर 7.5 फीसदी एवं वर्तमान मूल्य पर 9.9 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। सरकार ने इस वर्ष के बजट को 'अबुआ बजट' (अपना बजट) नाम दिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज अबुआ सरकार का बजट जन-जन की आकांक्षाओं और युवा झारखंड के सतत विकास के संकल्प के साथ जनता को समर्पित किया गया है। यह बजट झारखंड के समग्र विकास का रोडमैप है'। बता दें कि बजट में झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना' के लिए 13,363 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।