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बाबूलाल मरांडी का बीजेपी में जाना लगभग हो गया तय, कहा- यह पार्टी हमारी पहली प्राथमिकता

By एस पी सिन्हा | Updated: January 14, 2020 17:12 IST

झारखंडः राजनीतिक गलियारे में चल रही चर्चाओं पर अगर गौर करें तो भाजपा में जाने के बाद बाबूलाल मरांडी को विधायक दल के नेता के तौर मान्यता दिये जाने की तैयारी है. यही कारण है कि चुनाव के बाद अभी तक भाजपा में विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं किया गया है.

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ठळक मुद्देबाबूलाल मरांडी के ताजा बयान से अब यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि उनका भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है. उन्होंने यह कहा है कि विलय करना होगा या जाना होगा तो भाजपा मेरी प्राथमिकता होगी.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के ताजा बयान से अब यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि उनका भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है. हालांकि अभी इस बारे में वह कुछ भी स्पष्ट तौर पर बोलने से परहेज कर रहे हैं. अपने ताजा बयान में उन्होंने यह कहा है कि विलय करना होगा या जाना होगा तो भाजपा मेरी प्राथमिकता होगी. लेकिन राजनीति के इस पड़ाव में कांग्रेस में जाकर उन्हें सीखना नहीं है. मेरी स्वाभाविक  पसंद भाजपा होगी.

ऐसे में अब यह लगभग यह तय हो गया है कि देरे-सबेर उनके भाजपा में जाने और झाविमो के भाजपा में विलय हो जायेगा. भाजपा में पद के सवाल पर उन्होंने कहा है कि मैंने जीवन में कभी किसी से पद नहीं मांगा. राजनीति में हमने कभी सौदेबाजी नहीं की. अपने सांगठनिक कुशलता और काम से जो मिला, उससे संतुष्ट रहा. मेरी पार्टी के विधायक कांग्रेस के साथ जाना चाहते थे. 

चुनाव जीतने के बाद विधायकों ने मेरे साथ पहली मुलाकात में कहा था कि हमें कांग्रेस के साथ जाना चाहिए. इसके बाद हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन दिया गया. लेकिन, मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस में जाना संभव नहीं है. 

वैसे उन्होंने यह भी कहा है कि राजनीति में अटकलें लगती रहती हैं. फिलहाल पार्टी के कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला लिया जायेगा. ऐसे में राजनीति के जानकारों की अगर मानें तो आज खरमास की समाप्ति के बाद बाबूलाल मरांडी भाजपा में जाने का फैसला ले सकते हैं. 

हालांकि इससे पहले उन्हें अपनी पार्टी झाविमो में एक नई कार्यकारिणी का गठन करना होगा, जो पार्टी के भाजपा में विलय की सर्वसम्मति से फैसला ले सके. ऐसा करना पार्टी के लिए बाध्यता है. ऐसे में अब झाविमो में एक नई कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा, फिर उसकी बैठक होगी, जिसमें झाविमो के भाजपा में विलय संबंधी निर्णय लिया जायेगा. उसके बाद ही उनका भाजपा में जाना संभव होगा. 

राजनीतिक गलियारे में चल रही चर्चाओं पर अगर गौर करें तो भाजपा में जाने के बाद बाबूलाल मरांडी को विधायक दल के नेता के तौर मान्यता दिये जाने की तैयारी है. यही कारण है कि चुनाव के बाद अभी तक भाजपा में विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं किया गया है.

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