झारखंड: विरोधी विधायकों पर भाजपा की निगाहें, खबर पर बौखलाए झामुमो के हेमंत सोरेन, कहा- मीडिया पेट डॉग बन गई
By एस पी सिन्हा | Published: September 1, 2019 08:51 PM2019-09-01T20:51:27+5:302019-09-01T20:51:27+5:30
विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबर से बौखलाये झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मीडिया पर गुस्सा उतारते हुए कह डाला है कि पहले मीडिया वॉच डॉग थी, अब पेट डॉग बन गई है.
झारखंड में फिर से सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटी भाजपा की नजर अपने विरोधी दलों के वैसे विधायकों पर टिकी है, जो अपने दल में घुटन महसूस कर रहे हैं. भाजपा इस रणनीति पर काम कर रही है कि वैसे दमदार विधायकों को अपने पाले में किया जाये जो अपने दम पर जीत की ताकत रखते हों. ऐसे में चर्चा है कि झामुमो और कांग्रेस समेत विपक्ष के करीब एक दर्जन से ज्यादा विधायक भाजपा में शामिल होने की कतार में हैं.
सूबे की सियासी हलकों में इसकी चर्चा गर्म है कि झामुमो के चार विधायक कुणाल षाडंगी, दशरथ गगराई, दीपक बिरुआ और चमरा लिंडा भाजपा के संपर्क में हैं और कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं. इन विधायकों को भाजपा की हरी झंडी का इंतजार है. हालांकि, विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबर से बौखलाये झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मीडिया पर गुस्सा उतारते हुए कह डाला है कि पहले मीडिया वॉच डॉग थी, अब पेट डॉग बन गई है. हेमंत सोरेन ने अपने विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबर को पेड न्यूज बताते हुए कहा कि आज मीडिया को भाजपा के खिलाफ लिखने की हिम्मत नहीं है.
वहीं, सूत्रों की माने तो भाजपा ने कोल्हान की चार सीट, बहरागोडा, खरसावां, चाईबासा और विशुनपुर पर सर्वे कराया है. जिसके बाद पार्टी की नजर झामुमो के चार विधायक कुणाल षाडंगी, दशरथ गगराई, दीपक बिरुआ और चमरा लिंडा पर टिक गई है. हर हाल में पार्टी इन्हें अपने पाले में करने में जुटी है. सूत्रों के मुताबिक झामुमो के और कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. जबकि झामुमो से निलंबित विधायक जेपी पटेल पहले से ही भाजपा के गुणगान में लगे हुए हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान इन्होंने एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर प्रचार भी किया था. ऐसे में उनका भाजपा में आना लगभग तय माना जा रहा है.
वहीं, कांग्रेस में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत और पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू भी जल्द हीं भाजपा में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के अनुसार रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके सुखदेव भगत अब पार्टी में घुटन महसूस करने लगे हैं और जल्द हीं पार्टी को बाय-बाय करने की तैयारी में जुट गय हैं. ऐसे में लगभग यह तय माना जा रहा है कि वह भाजप में जा सकते हैं. जबकि भाजपा में आने की कतार में विपक्ष के अलावा सहयोगी आजसू से निलंबित तमाड विधायक विकास मुंडा भी हैं. खबर है कि वह भाजपा में जाने की तैयारी में जुटे हैं.
जानकारों की अगर मानें तो भाजपा की ये सारी कवायद विधानसभा चुनाव में 65 प्लस के टारगेट को पाने के मद्देनजर है. पार्टी की पहली रणनीति झामुमो की कमर तोड़ने की है. कहा जा रहा है कि भाजपा की नजर झामुमो के अभेद किले संथाल और कोल्हान में सेंधमारी पर है. पार्टी हर हाल में यहां की 32 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा पर अपनी जीत सुनिश्चित कराना चाहती है. यहां बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में संथाल में भाजपा ने झामुमो को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन कोल्हान में मात खा गई थी. लेकिन इस बार पार्टी कोल्हान को लेकर पहले से ही सतर्क है. पार्टी ने चुनाव से पहले यहां की सीटों पर सर्वे कराने को तवज्जो दिया. अब इन सीटों के लिए उसे मजबूत चेहरों की तलाश है. यहां उल्लेखनीय है कि संथाल और कोल्हान झामुमो का गढ़ माना जाता है और अभी तक झामुमो के लिए अभेद्य किला के रूप में बरकरार रहा है. लेकिन अब भाजपा की नजर उसके गढ़ पर टिकी है, जिसमें वह सेंधमारी करना चाहती है.