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झारखंड: चाईबासा के एएसपी की नक्सलियों से बातचीत और सांठगांठ का खुलासा, पुलिस विभाग में मचा हड़कंप  

By एस पी सिन्हा | Updated: May 13, 2019 14:12 IST

फोन इंटरेक्शन में यह मामला सामने आया और खुफिया एजेंसी ने पुलिस मुख्यालय को इसकी सूचना दी है. मुख्यालय ने अगले आदेश तक एएसपी से सभी अधिकार छीन लिए हैं.

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ठळक मुद्देप्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि एएसपी रमण नक्सलियों से फोन पर बात कर रहे थे. मुख्यालय ने अगले आदेश तक एएसपी से सभी अधिकार छीन लिए हैं.

रांची, 13 मईःनक्सली और पुलिस के बीच छत्तीस का रिश्ता माना जाता है, लेकिन झारखंड में चाईबासा के एएसपी मनीष रमण की नक्सलियों से सांठगांठ और बातचीत करने का खुलासा हुआ है. इससे एएसपी मनीष रमण विवादों में घिर गये हैं. प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि एएसपी रमण नक्सलियों से फोन पर बात कर रहे थे. हालांकि वे क्या बात कर रहे थे, इसका खुलासा नहीं हो पाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की जा रही है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मनीष चाईबासा में लंबे समय से तैनात हैं. फोन इंटरेक्शन में यह मामला सामने आया और खुफिया एजेंसी ने पुलिस मुख्यालय को इसकी सूचना दी है. मुख्यालय ने अगले आदेश तक एएसपी से सभी अधिकार छीन लिए हैं. इस बात को लेकर पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मंथन भी हुआ. इसके बाद ही उन्हें पद से हटाने पर सहमति बनी. संभव है कि उन्हें अब सीआरपीएफ में वापस भेज दिया जाये.

चाईबासा झारखंड का अति नक्सल प्रभावित जिला माना जाता है. यहां के एक दो थाना क्षेत्र को छोड़ दें तो बाकी सभी थाने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हैं. इस बीच मामले की गंभीरता की देखते हुए मनीष रमण को चुनाव संबंधी दायित्व से अलग रखा गया. खुद आईजी नवीन कुमार सिंह चाईबासा पहुंच कर स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं. 

इस मामले में विभागीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. वैसे यह मामला गृह विभाग में भी आया था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में गृह विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. एएसपी अभियान मनीष रमण चाईबासा में 4 साल से जमे हुए हैं. इस तरह से झारखंड में पुलिस अफसर और नक्सलियों के बीच सांठगांठ का यह पहला मामला सामने आया है. ऐसे में जिले के एएसपी अभियान का नक्सलियों के साथ संबंध होना गंभीर है. 

एएसपी अभियान का पद नक्सल जिलों में इसलिए लगाया गया था ताकि नक्सल सर्च अभियान को सुचारू रूप से चलाया जा सके. लेकिन मनीष रमण उल्टे नक्सलियों से ही सांठगांठ करते पाये गये हैं. वहीं, पुलिस में इस बात को लेकर हड़कंप मच गया है कि पता नही कौन-कौन सी जानकारी एएसपी मनीष रमण ने नक्सलियों के बीच लीक की हो.

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