पटना: जनता दल यूनाइटेड से एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने 19 जनवरी को झारखंड के हाजारीबाग में एक विवादित बयान दिया था। गुलाम रसूल बलियावी ने बीजेपी से निष्कासित नेता नुपुर शर्मा के बयान का जिक्र करते हुए कहा था, " मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे तो अभी तो हम कर्बला मैदान में इकट्ठा हुए हैं, उनकी इज्जत के लिए हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे।"
गुलाम रसूल बलियावी के इस बयान से खूब हंगामा हुआ था और बिहार की सियासत गर्म हो गई थी। अब जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने एक बार अपनी को दोहराते हुए कहा है कि वह अपने कर्बला वाले बयान पर कायम हैं। गुलाम रसूल बलियावी ने कहा, "मैं मानता हूं कि मैंने कहा था कि हम (शहरों को) कर्बला में बदल देंगे और मैं इस पर कायम हूं। कर्बला का मतलब सब कुछ कुर्बान कर देना है, लेकिन इंसानियत और भाईचारे की कुर्बानी नहीं देनी है। इस समय देश में हमारे 18-20 साल के बच्चों को आतंकवादी बताकर उठा कर सलाखों के पीछे रखा जा रहा है। अगर हमारे बच्चे विरोध करने जाते हैं तो उन्हें गोली मार दी जाती है। मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा के लिए मुस्लिम सेफ्टी एक्ट लाया जाना चाहिए।"
झारखंड के हाजारीबाग में जनता दल यूनाइटेड से एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा था, "नुपूर शर्मा के बयान पर सेकुलर कहलाने वाले किसी पार्टी के नेता ने आवाज नहीं उठाई कि इस औरत को गिरफ्तार करो।" जेडीयू नेता ने आगे कहा था, "रांची को जाम कर दो। अक्सर गैरों के झंडे लेकर निकलते हो। बता दो हुक्मरानों को कि हम राख के नीचे दबे जरूर हैं, बुझे नहीं हैं। दलितों की तरह मुसलमानों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी एक्ट बनना चाहिए। सत्ता में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। मेरे बच्चों को रोजगार मिलना चाहिए।"
बता दें कि पिछले कुछ समय से बिहार का राजनीतिक माहौल सियासी बयानबाजियों से गर्म है। कुछ दिन पहले ही बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस पर विवादित बयान दिया था जिसे लेकर खूब हंगामा हुआ था। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर सफाई देनी पड़ी थी। अब जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी के बयान से फिर राज्य में फिर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है।