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Janmashtami 2021: जम्मू ही नहीं कश्मीर में भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया, हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल श्रीनगर की सड़कों पर

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 30, 2021 16:08 IST

Janmashtami 2021: मंदिरों में कोरोना महामारी को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते श्रद्धालु के दर्शनों की व्यवस्था की गई थी।

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ठळक मुद्देश्रीनगर में कई सालों बाद कश्मीरी पंडितों ने जन्माष्टमी के अवसर पर झांकी निकाली थी।कश्मीर में भी आज कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया है। कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने भगवान कृष्ण की शोभायात्रा निकाली।

Janmashtami 2021: जन्माष्टमी पर मंदिरों का शहर जम्मू ही नहीं बल्कि इस बार कश्मीर भी कृष्णमय नजर आ रहा है। तड़के से ही शहर कृष्णमय नजर आ रहा है।

हर कोई नंदलाला के जन्मदिन की खुशियों में डूबा है। मंदिरों में कोरोना महामारी को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते श्रद्धालु के दर्शनों की व्यवस्था की गई थी। हालांकि इस वजह से मंदिरों में पहले जैसी रौनक नहीं थी। जबकि श्रीनगर में कई सालों बाद कश्मीरी पंडितों ने जन्माष्टमी के अवसर पर झांकी निकाली थी।

कश्मीर में भी आज कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया है। हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल श्रीनगर की सड़कों पर देखने को मिली है। कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने भगवान कृष्ण की शोभायात्रा निकाली। हालांकि इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इस शोभायात्रा का शहर के बीचो बीच लाल चौक में समापन हुआ।

इस यात्रा में भगवान कृष्ण की फूलों से सजी झांकी निकाली गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इसमें जम कर हिस्सा लिया है। इस यात्रा में कश्मीरी पंडित समुदाय की महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ के भाग लिया और भगवान कृष्ण के भक्ति संगीत पर कश्मीरी रिवायती नृत्य भी किया गया। हाथों में ढोलक और घंटियां लिए भगवान कृष्ण के कईं सौ भक्तों ने भजन गाते हुए इस शोभा यात्रा में भाग लिया।

कश्मीरी समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़ के भाग लिया है। ऐसी यात्रा कश्मीर में कईं सालों के बाद देखने को मिली है जिसमें स्थानीय कश्मीरी समुदाय के लोगों ने भी बढ़ चढ़ के भाग लिया है। यह यात्रा श्रीनगर के हब्बा कदल में स्थित कत्लेश्वर मंदिर से निकाली गई और तकरीबन श्रीनगर शहर के मुख्य मोहल्लों से होते हुए यह यात्रा लाल चौक से भी गुजरी।

जन्माष्टमी का शोभा यात्रा कड़े सुरक्षा इन्तिज़मों के बीच यात्रा संपन्न हुई है। इस मौके पर कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों का कहना था कि यह यात्रा पहले भी निकाली जाती थी पर पिछले कुछ सालों में खराब हालात और फिर कोरोना संक्रमण के चलते झांकी नहीं निकाली जा सकी।

कश्मीर घाटी में 90 के दशक में आतंकी धमकियों के कारण शोभा यात्रा नहीं निकली जाती थी लेकिन फिर 2004 से एक बार फिर से शोभा यात्रा शुरू की गयी। और इस बार भी कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच यात्रा संपन्न हुई है। जम्मू के मंदिरों में भी भगवान कृष्ण के भजन गूंजते रहे हैं।

इस बीच युवा जन्माष्टमी पर जमकर पतंगबाजी भी करते नजर आए। घरों में भी लोग पूरी तरह से कान्हा के रंग में रंगे दिखे। खासकर जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं, उन्होंने उन्हें बाल कृष्ण की तरह ही तैयार किया गया। हालांकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयों का दौर तड़के से ही शुरू हो गया था।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरजन्माष्टमीKrishna Janmashtami
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