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इस साल होगा कश्मीर आतंकवाद से मुक्त, LoC से सटे बारामुल्ला से हो गई शुरुआत

By सुरेश डुग्गर | Updated: January 24, 2019 20:09 IST

अलगाववादियों और आतंकियों का गढ़ कहलाने वाला उत्तरी कश्मीर का जिला बारामुल्ला अब आतंकियों से पूरी तरह आजाद हो गया है। बारामुल्ला में अब कोई स्थानीय आतंकी जिंदा नहीं रहा है।

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सेना ने साल के पहले दिन उम्मीद जताई थी कि 2019 में कश्मीर में फैले आतंकवाद का अंत हो जाएगा। उसी दिशा में कश्मीर का एलओसी से सटे बारामुल्ला जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में डीजीपी दिलबाग सिंह ने दावा किया कि बारामुल्ला कश्मीर का पहला ऐसा जिला है जो आतंकवाद मुक्त हो गया है।

अलगाववादियों और आतंकियों का गढ़ कहलाने वाला उत्तरी कश्मीर का जिला बारामुल्ला अब आतंकियों से पूरी तरह आजाद हो गया है। बारामुल्ला में अब कोई स्थानीय आतंकी जिंदा नहीं रहा है। यह दावा राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने किया है। गौरतलब है कि गत बुधवार को ही सुरक्षाबलों ने बारामुल्ला से करीब सात किलोमीटर दूर लश्करे तौयबा के तीन स्थानीय आतंकियों को मार गिराया है।

राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि बीते 29 सालों में बारामुला आतंकियों से मुक्त कश्मीर का पहला जिला है। आज यहां कोई स्थानीय आतंकी नहीं है। जो तीन आतंकी थे, वह बुधवार को मारे गए हैं। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि इसी तरह का दावा करीब 22 साल पहले सेना के तत्कालीन ब्रिगेडियर अहलावत ने दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम के लिए किया था। 

करीब छह साल पहले जिला बडगाम के बारे में भी यही बात की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के हवाले पर बडगाम व गंदरबल को आतंकवाद मुक्त बताते हुए अफास्पा हटाने की बात की थी। लेकिन दो दिसंबर 2013 को आतंकियों ने चाडूरा में सरेआम एक थाना प्रभारी समेत तीन लोगों की हत्या कर, सभी के मुंह बंद कर दिए थे।

हालांकि एसएसपी बारामुल्ला इम्तियाज हुसैन मीर ने कहा कि सुहैब अखून समेत तीन आतंकियों का मारा जाना हमारे लिए बहुत बड़ी कामयाबी है। सुहैब बारामुल्ला में नया बुरहान बन सकता था। उसने अपने साथ कुछ और लड़कों को जोड़ना शुरु कर दिया था। इसके अलावा वह बारामुल्ला में लश्कर,जैश, अल-बदर व हिज्ब के आतंकियों के बीच भी कोआर्डिनेटर बन, उनकी विभिन्न प्रकार से मदद कर रहा था। मेरे लिए आज मेरे कार्याधिकार क्षेत्र में एक भी स्थानीय आतंकी सक्रिय नहीं रहा है। यह तीन थे, तीनों मारे गए हैं। यह एक तरह से बारामुला को आतंकवाद से आजाद कराने जैसा ही है।

जानकारी के लिए आतंक प्रभावित बारामुला जिले में ही 2016 में आतंकियों ने उड़ी के सैन्य कैंप पर हमला किया था। इस हमले के बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पीओके में कई आतंकी ठिकाने तथा लांचिंग पैड को तबाह कर दिया था।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआतंकवादीएलओसी
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