जम्मू: कश्मीर में ताजा आतंकी हमलों और घुसपैठ के तेज होते प्रयास सुरक्षाधिकारियों को चिंता में डाले हुए हैं। अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने में जुटे सुरक्षाबलों और प्रशासनिक अधिकारियों को यह उम्मीद नहीं थी कि आतंकी इतने कड़े सुरक्ष प्रबंधों के बावजूद ऐसे समय में अपने हमलों को तेज करेंगे।
पिछले 10 दिनों के भीतर चार प्रवासी श्रमिकों और दो वनकर्मियों पर आतंकी हमलों के बाद कल देर रात शोपियां में एक सुरक्षाकर्मी से राइफल छीनने की घटना ने प्रदेश पुलिस को मजबूर किया है कि वह अपनी सुरक्षा व्यवस्था की पुनः समीक्षा करे। इसकी खातिर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कई इलाकों का दौरा कर कई समीक्षा बैठकों में हिस्सा भी लिया है।
पुलिस इन घटनाओं को सामान्य आतंकी घटनाएं करार देने लगी है। हालांकि, चार प्रवासी श्रमिकों पर अनंतनाग के उस कस्बे में हमले हुए जो अमरनाथ यात्रा का बेस कैंप भी माना जाता रहा है और यात्रा इसी कस्बे से होकर गुजरती है।
सिर्फ हमले ही नहीं बल्कि उस पार से आतंकियों को इस ओर धकेलने के प्रयासों में आई तेजी भी सेना व अन्य सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ा रही है। हालांकि 10 के करीब घुसपैठियों को 15 घुसपैठ के प्रयासों के दौरान मार डाला गया है पर इस पर अभी भी चुप्पी है कि कितने आतंकी घुसने में कामयाब हुए हैं। सूत्रों का कहना था कि घुसपैठ में कामयाब होने वाले आतंकी आने वाले दिनों में कहर बरपा सकते हैं।