कश्मीर मसले पर मलेशिया के PM महातिर को भारतीय ट्रेडर्स का जवाब, रोक दिया पॉम ऑयल का आयात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 24, 2019 06:55 IST2019-10-24T06:55:30+5:302019-10-24T06:55:30+5:30
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि यह भारत सरकार नहीं है, इसलिए हमें यह पता लगाना होगा कि हम इन लोगों के साथ कैसे संवाद कर सकते हैं, क्योंकि हम एक व्यापारिक राष्ट्र हैं।

प्रतीकात्मक फोटो
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के मसले पर मलेशिया, पाकिस्तान के साथ खड़ा था और भारत सरकार के इस कदम की आलोचना किया था। इसके जवाब में अब भारतीय ट्रेडर्स ने मलेशिया से पॉम ऑयल खरीदना बंद कर दिया है।
वेजिटेबल ऑइल इंडस्ट्री और ट्रेड की एक संस्था सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स असोसिएशन (SEA) ने ट्रेडर्स के लिए एक बयान जारी करते हुए कहा, 'अपने खुद के लाभ के साथ ही अपने देश के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमें कुछ समय के लिए मलेशिया से पॉम ऑयल खरीदना बंद कर देना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आप हमारी सलाह मानेंगे।' ट्रेडर्स ने यह भी कहा है कि अब वे कोई नया कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं कर रहे हैं।
SEA के एक्जिक्युटिव डायरेक्टर बी.वी. मेहता ने कहा कि यह फैसला देशहित में लिया गया है। उन्होंने कहा, 'ट्रेडर्स के बीच अनिश्चितता का माहौल है और हमने उनसे कहा है कि जब तक इस मुद्दे पर कुछ स्पष्ट न हो वे कोई भी नए बिजनेस डील्स और कॉन्ट्रैक्ट साइन न करें।'
असोसिएशन का कहना है कि यह कदम मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीने जाने का विरोध किए जाने के बाद लिया गया है। SEA ने कहा, 'हमारी सरकार को मलयेशिया के प्रधानमंत्री का बयान ठीक नहीं लगा है और इसलिए विरोधस्वरूप यह कदम उठा रहे हैं। जब तक सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर कुछ सफाई नहीं आती है तब तक कुछ समय के लिए हम मलयेशिया से पाम ऑइल खरीदना बंद कर ही सकते हैं।'
सरकार ने बनाई ट्रेडर्स के फैसले से दूरी-
हालांकि सरकार ने असोसिएशन के इस कदम से दूरी बनाये हुये है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'इस कदम में सरकार की कोई भूमिका नहीं है और शायद ट्रेडर्स को कश्मीर मुद्दे पर मलयेशिया की आलोचना पसंद नहीं आई है।'
महातिर ने भारत पर लगाया आरोप-
दरअसल मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि वह कश्मीर पर दिये गये अपने बयान पर कायम है तथा वह अपने मन की बात बोलते हैं और इससे पलटते और बदलते नहीं हैं। कश्मीर पर दिये उनके बयान को लेकर भारत की तरफ से आपत्ति जताये जाने के बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आयी।
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए महातिर ने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर पर ‘‘आक्रमण करके कब्जा’’ किया है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मुद्दे के समाधान के लिये पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिये। भारत के विदेश मंत्रालय ने महातिर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी।
महातिर ने संसद में संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा था कि ‘‘हमने महसूस किया है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से कश्मीर के लोगों को फायदा हुआ था और हम सभी यह कह रहे हैं कि न केवल भारत और पाकिस्तान बल्कि अमेरिका और अन्य देशों को भी इसका पालन करना चाहिए।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि भारत और मलेशिया के बीच पारंपरिक रूप से अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध है और ‘‘हम इन टिप्पणियों पर अफसोस जताते हैं क्योंकि ये तथ्यों पर आधारित नहीं है।’’ महातिर ने कहा, ‘‘कभी-कभी, हमारे तनावपूर्ण संबंध रहे लेकिन हम लोगों के साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाहते हैं। मलेशिया एक व्यापारिक राष्ट्र है, हमें बाजारों की आवश्यकता है और इसलिए, हम लोगों के लिए अच्छे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, इसके अलावा, हमें लोगों के लिए बोलना होगा। इसलिए, कभी-कभी हम जो कहते हैं वह कुछ को पसंद आता है और दूसरों को नापसंद होता है।’’
मलेशिया से पाम ऑयल नहीं खरीदने संबंधी भारतीय व्यापार संस्था के आह्वान पर महातिर ने कहा कि सरकार उनके बहिष्कार के प्रभावों का अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार नहीं है, इसलिए हमें यह पता लगाना होगा कि हम इन लोगों के साथ कैसे संवाद कर सकते हैं, क्योंकि हम एक व्यापारिक राष्ट्र हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मलेशिया विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को भारत की रिपोर्ट करेगा, महातिर ने कहा, ‘‘फिलहाल नहीं।’’