जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती अपने 'तालीबानी बयान' पर घिरतीं नजर आ रही हैं. महबूबा के विवादित बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, यह उनकी (महबूबा मुफ्ती की) पुरानी आदत है कि वे ऐसी टिप्पणी करतीं हैं जो देश के हित में नहीं हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा कि, उन्हें समझना चाहिए कि धारा 370 हमेशा के लिए हटा दी गई है. केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों से लगातार बात कर रही है लेकिन महबूबा कुछ ओर ही बात कर रही हैं.
वहीं महबूबा के बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि, कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सहिष्णुता हमारी संस्कृति और परंपरा है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस हमारा संकल्प है. उस संकल्प के साथ, भारत और उसके लोग आगे बढ़ रहे हैं. इस तरह के बयान देने वालों के कुछ द्वेषपूर्ण इरादे हैं.
वहीं महबूबा के बयान पर जम्मू-कश्मीर के बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र रैना ने पलटवार करते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं. भारत एक ताकतवर देश है. यहां देश के खिलाफ साजिश करने वालों का सफाया कर दिया जाएगा. उन्होंने पीडीपी मुखिया पर हमला बोलते हुए सवाल किया 'क्या महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर में तालिबानी राज चाहती हैं?'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में पूर्व मुख्यमंत्री ने एक विवादित बयान दिया है. महबूबा ने कहा कि अपने पड़ोसी (अफगानिस्तान) को देखो. जहां से महाशक्ति अमेरिका को अपनी सेना वापस बुलानी पड़ी. अमेरिका बोरिया-बिस्तर बांधकर वापस जाने पर मजबूर हो गया. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, अगर केंद्र सरकार वाजपेयी के सिद्धांत पर वापस नहीं आती है और बातचीत शुरू नहीं करती, तो बर्बादी होगी.
इसके साथ ही महबूबा ने कहा, कश्मीरी कमजोर नहीं हैं, वे बहुत बहादुर और धैर्यवान हैं. धैर्य रखने के लिए बहुत साहस चाहिए. जिस दिन सब्र की दीवार टूट जाएगी, तुम परास्त हो जाओगे. आजादी के बाद अगर भाजपा की सरकार बनी होती तो जम्मू-कश्मीर भारत में न होता.