लाइव न्यूज़ :

Jammu Kashmir Lok Sabha Election 2024: जम्मू कश्मीर में सिर्फ दो महिला उम्मीदवार लड़ रही चुनाव, जानें इनके बारे में सबकुछ

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 17, 2024 16:17 IST

Jammu Kashmir Lok Sabha Election 2024: यही कारण है कि सभी राजनीतिक दलों के महिला विंग बहुत ही कमजोर हैं और वे सिर्फ पुरूषों के बल पर अपने आप को घसीट रहे हैं।

Open in App

Jammu Kashmir Lok Sabha Election 2024:जम्मू कश्मीर के चुनाव मैदान में इस बार अभी तक दो ही महिलाएं चुनाव मैदान में हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती खुद मैदान में हैं तो जम्मू से नेशनल अवामी यूनायटड पार्टी ने शिखा बंद्राल को मैदान में उतारा है। महिलाओं को टिकटें न दिए जाने से राज्य की महिलाओं में नाराजगी भी है जिनके मतों की संख्यां में पुरूषों के मतों की संख्यां से सिर्फ उन्नीस-बीस का ही अंतर है। राज्य में महिला मतदाता महिलाओं की उम्मीदवारी की पक्षधर हैं मगर उनकी आवाज को नजरअंदाज किया गया है।

प्रदेश में कुल 86.9 लाख मतदाताओं में 42.5 लाख महिला तथा 44.3 लाख पुरूष मतदाता हैं। उनके स्वर को अनसुना कर किसी भी राजनीतिक दल ने महिला प्रत्याशियों को टिकट देने की जहमत नहीं उठाई है। महिला अधिकारों की बात करने वाली कांग्रेस व भाजपा ने भी इस बार किसी महिला को टिकट नहीं दी है।

माना कि संसद में जम्मू कश्मीर की महिलाएं 4 बार राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं पर उनमें से 3 अपने पतिओं के नामों के कारण ही ऐसा कर पाने में सफल रही थीं। जम्मू कश्मीर का अब तक का रिकार्ड है कि मात्र एक दल को छोड़ किसी भी राजनीतिक दल ने किसी महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है इस सच्चाई के बावजूद कि अपने पतिओं की मृत्यु के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की विधवा अकबर जहान बेगम 1984 तथा 1977 में संसदीय चुनावों के लिए मैदान में उतरी थीं और उन्होंने क्रमशःदो-दो लाख से अधिक मत प्राप्त किए थे।

इसी प्रकार 1977 के चुनावों में ही प्रथम बार कांग्रेस ने भी अपने एक नेता की विधवा श्रीमती पार्वती देवी को इसलिए मैदान में उतारा था क्योंकि नेकां ने भी महिला उम्मीदवार खड़ा किया था। दोनों ही उम्मीदवारों को श्रीनगर व लद्दाख की सीटों पर सिर्फ महिला मतदाताओं के वोट हासिल हुए थे। इससे उनकी जीत सुनिश्चित हुई थी। इसमें सच्चाई यह थी कि दोनों को टिकट मजबूरी में दिया गया था न कि खुशी से।

इससे पहले या बाद में किसी दल ने किसी महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया,1996 तथा 1998 के चुनावों में भाजपा की ओर से क्रमशः अनंतनाग व लेह की सीट पर महिला प्रत्याशी को खड़ा किया गया था, मगर इस बार वह इस पर अभी फैसला नहीं कर पाई है। चुनाव क्षेत्र में कदम रखने के लिए महिलाओं को उत्साहित भी नहीं किया गया है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दलों के महिला विंग बहुत ही कमजोर हैं और वे सिर्फ पुरूषों के बल पर अपने आप को घसीट रहे हैं। कमजोर होने का कारण उनमें तालमेल की कमी भी है जिसके कारण पुरूष नेता उन पर हावी होते जा रहे हैं।

याद रहे कि 1996 के चुनावों में बड़ी संख्यां में महिलाएं स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में मैदान में उतरी थीं। यह बात अलग है कि उन्हें कितने वोट मिले लेकिन अपने राजनीतिक दलों से अलग होकर मैदान में कूदने वाली इन महिला प्रत्याशियों का मत था कि वे इसलिए मैदान में कूदी थीं ताकि वे अपने-अपने दलों को यह बता सकें कि वे आतंकवाद से घबराने वाली नहीं हैं। तब यह प्रथम अवसर था कि इतनी संख्यां में महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थीं। जबकि 2004 के चुनावों में महबूबा मु्फ्ती ने संसदीय चुनाव जरूर जीता था। अब वे तीसरी बार किस्मत आजमा रही हैं।

टॅग्स :लोकसभा चुनाव 2024जम्मू कश्मीर लोकसभा चुनाव २०२४जम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई