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Jammu Kashmir: आगजनी की घटनाओं से मुक्ति नहीं मिली कश्‍मीर को, नवम्‍बर में 53 घटनाएं हुईं

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 7, 2023 15:41 IST

कश्मीर में सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आग की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जहां नवंबर 2023 के महीने में 53 घटनाएं दर्ज की गई हैं। 

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ठळक मुद्देकश्मीर में सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आग की घटनाओं में वृद्धि देखी गईआंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2023 के महीने में 53 घटनाएं दर्ज की गई हैंगुरुवार सुबह श्रीनगर के ज़म्पा कदल में आग लगने की घटना में छह दुकानें और दो आवासीय कमरे क्षतिग्रस्त

जम्‍मू: कश्‍मीर वादी आग लगने की घटनाओं से जूझ रही है। उसे इससे मुक्ति मिलने की कोई उम्‍मीद इसलिए भी नहीं दिख रही है क्‍योंकि अधिकारियों का आरोप है कि लोग सुरक्षा उपायों के प्रति लापरवाह हैं। आज भी एक आग लगने की घटना में अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह श्रीनगर के ज़म्पा कदल में आग लगने की घटना में कम से कम छह दुकानें और दो आवासीय कमरे क्षतिग्रस्त हो गए।

दरअसल कश्मीर में सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आग की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जहां नवंबर 2023 के महीने में 53 घटनाएं दर्ज की गई हैं। अग्निशमन और आपातकालीन सेवा (एफ एंड ईएस) विभाग द्वारा तैयार किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में श्रीनगर भर में 53 आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं।

21 नवंबर को सबसे अधिक आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें कहा गया कि विशेष तिथि पर यहां गोजवारा चौक, एसकेआईएमएस सौरा, पोलो व्यू, बक्शीपोरा पालपोरा और वजीर बाग में पांच घटनाएं दर्ज की गईं। 

प्रासंगिक रूप से, कश्मीर में सर्दियों के दौरान आग की घटनाओं की संख्या हमेशा बढ़ जाती है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि संबंधित विभाग द्वारा लोगों को उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए घाटी भर में जागरूकता कार्यक्रम और कार्यक्रम आयोजित करने के बाद पिछले वर्षों की तुलना में घटनाओं की संख्या में गिरावट आई है।

अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी में अक्टूबर के अंत तक 2000 आग की घटनाएं और सात संबंधित मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से कुल घटनाओं में से 25 प्रतिशत जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दर्ज की गईं।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोग मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की उपेक्षा करते हैं, खासकर जब न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से नीचे चला जाता है, और यही घाटी में सर्दियों के महीनों के दौरान आग की घटनाओं का मूल कारण रहा है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर के अंत तक कश्मीर घाटी में आग लगने की 2000 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि संबंधित घटनाओं में सात लोगों की मौत भी हुई। कश्मीर में सर्दियों के दौरान आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं देखने को मिलती हैं। 

सहायक निदेशक फायर एंड इमरजेंसी सर्विस (एफएईएस) कश्मीर आकिब हुसैन मीर ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं के प्रति लोगों की अवमानना ही नरक का प्राथमिक कारण है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी दुखद आग की घटनाएं होती हैं, जिससे जीवन और संपत्ति दोनों को नुकसान होता है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरKashmir Police
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