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जम्मू-कश्मीर: आतंकी खतरे के बीच लोगों को गणतंत्र दिवस समारोह में भारी संख्या में आने का निमंत्रण

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 25, 2023 16:57 IST

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां पूरी कर ली है। समारोह में आने वाले लोग अपने साथ किसी प्रकार का घातक हथियार नहीं ला सकते। इस बार मोबाइल ले जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां तेज कीभारी संख्या में लोगों के शिरकत करने की उम्मीदआतंकी खतरे को देखते हुए सुरक्षा भी कड़ी की गई

जम्मू: आतंकी खतरे के बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गणतंत्र दिवस समारोह में भारी संख्या में लोगों के शिरकत करने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि उन्हें बस सुरक्षा जांच में पुलिस का सहयोग करना होगा। अखबारों में दिए गए विज्ञापन में सिक्योरिटी विंग के अनुसार गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में भारी संख्या में लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। इसमें लोग सुरक्षा जांच में पुलिस का सहयोग करे।

समारोह में आने वाले लोग अपने साथ किसी प्रकार का घातक हथियार, तेजधार हथियार, हैंड बैग, पालीथिन बैग, रेडियो, खिलौने, स्टाप वाच, ज्वलनशील पदार्थ जैसे सिगरेट, माचिस, लाइटर, कैमरा लेकर न आएं। इस बार मोबाइल ले जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। समारोह में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की प्रवेश द्वार पर जांच होगी, ताकि वहां आने वाले लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। लोग कतार में स्टेडियम के भीतर प्रवेश करेंगे। सबसे पहले उन्हें मेटल डिटेक्टर लगे गेट से गुजरना होगा। समारोह के शुरू होने से पूर्व ही लोग स्टेडियम में पहुंच जाएं, ताकि बैठने की व्यवस्था ठीक प्रकार से हो पाए।

दरअसल पुलिस गणतंत्र दिवस को शांति पूर्वक ढंग से मनाने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही है। जम्मू पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर और उसके बाहरी क्षेत्रों को सुरक्षा के लिहाज से विभाजित कर वहां पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। विशेष रूप से मुख्य समारोह स्थल और इसके आसपास के क्षेत्रों की जांच चल रही है। पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से आतंकियों द्वारा घुसपैठ की आशंका के बारे में खुफिया सूचनाएं मिली हैं। जिसके चलते बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के साथ मिलकर आतंकियों के नापाक इरादे को विफल बनाने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।

आतंकियों के मंसूबों को भांपते हुए वादी में अल्पसंख्यकों की बस्तियों की सुरक्षा की समीक्षा कर उसमें व्यापक सुधार लाने के अलावा विभिन्न धर्मस्थलों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार सबसे अधिक खतरा लश्कर-ए-तैयबा से है जो पिछले कुछ समय से कहर के रुप में कश्मीर में अमन चैन लाने की कोशिशों पर टूट रहा है। लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से सबसे बड़ा खतरा मानव बमों का है। इस संगठन ने पहले भी आतंक तथा दहशत फैलाने के लिए मानव बमों का खुल कर इस्तेमाल किया है। 

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