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जम्मू: कई आतंकी हमलों के बाद सरकार ने लिया अहम फैसला, सभी वीडीसी सदस्यों को दी जाएगी एसएलआर रायफलें, हटाई गई सुरक्षा चौकियां-नाके फिर से होगी स्थापित

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 5, 2023 17:00 IST

आपको बता दें कि इससे पहले आतंकियों द्वारा ट्रकों का इस्तेमाल करते हुए बार्डर से शहरों तक पहुंच जाने की घटनाओं ने भी सुरक्षाबलों को चिंता में डाल दिया था। यही कारण है कि इन घटनाओं के मद्देनजर अब उन सभी सुरक्षा चौकिओं व नाकों को फिर से स्थापित करने की कवायद आरंभ की गई है जो हटा दिए गए थे।

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ठळक मुद्देजम्मू कश्मीर में सरकार ने सभी वीडीसी सदस्यों को एसएलआर रायफलें देने का फैसला किया है। यही नही शांति के दावों के बीच हटाई गई सुरक्षा चौकियां और नाकों को भी फिर स्थापित किया जाएगा। आपको बता दें कि धारा 370 हटाए जाने के बाद सभी वीडीसी सदस्यों को मौखिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया था।

जम्मू:जम्मू कश्मीर में शांति के दावों के बीच जिन वीडीसी अर्थात ग्राम सुरक्षा समितियों को नजरअंदाज कर दिया गया था उन्हें डांगरी के हमले ने फिर से पुनर्जीवित करने की जरूरत महसूस करवा दी है। सरकार ने इसके प्रति फैसला करते हुए उसमें एक बड़ा बदलाव करने का फैसला भी किया है। यह बदलाव वीडीसी सदस्यों को दिए जाने वाले हथियारों को लेकर है जो अब बाबा आदम के जमाने के नहीं बल्कि अब अत्याधुनिक होंगें।

इससे पहले कई आतंकी घटनाओं को किया गया था नजरअंदाज

दरअसल राजौरी के डांगरी में हुए आतंकी हमले ने सरकार के उन सभी दावों की पोल खोल दी थी जिसमें वह सब चंगा है और शांति लौट चुकी है का ढोल पीट रही थी। वैसे डांगरी में छह लोगों की मौत कोई पहली आतंकी घटना नहीं थी बल्कि राजौरी व पुंछ के जुड़वा जिलों में इससे पहले होने वाली कई आतंकी घटनाओं को भी नजरअंदाज किया जा रहा था। बस कारण एक ही था कि सरकार अपने शांति के दावों से पीछे हटना नहीं चाहती थी।

सभी सुरक्षा चौकिओं व नाकों को फिर से चालु करना हुआ शुरू

जबकि इसके पहले आतंकियों द्वारा ट्रकों का इस्तेमाल करते हुए बार्डर से शहरों तक पहुंच जाने की घटनाओं ने भी सुरक्षाबलों को चिंता में डाल दिया था। यही कारण है कि इन घटनाओं के मद्देनजर अब उन सभी सुरक्षा चौकिओं व नाकों को फिर से स्थापित करने की कवायद आरंभ की गई है जो हटा दिए गए थे।

अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि वीडीसी के सदस्यों को अब थ्री नाट थ्री रायफलों के स्थान पर एसएलआर रायफलें दी जाएंगी तथा उन्हें सीमांत व आतंकग्रस्त इलाकों में फिर से बनाई जा रही सुरक्षा चौकिओं व जांच के लिए लगाए जाने वाले नाकों पर भी नियमित पुलिस व सुरक्षाबलों के साथ तैनत किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वे स्थानीय व आतंकियों के बीच भेद कर सकें। 

आपको बता दें कि 1995 में इन ग्राम सुरक्षा समितियों की स्थापना के बाद उन्होंने आतंकवाद को उखाड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन धारा 370 हटाए जाने के बाद उन्हें मौखिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया था। 

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआतंकवादीआतंकी हमला
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