Jammu Kashmir: राजौरी में अज्ञात बीमारी से दो महीने में 17 मौतें

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 9, 2025 17:35 IST2025-02-09T17:35:08+5:302025-02-09T17:35:16+5:30

याद रहे 7 दिसंबर, 2024 से, कुल 17 लोग - जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं - एक अज्ञात बीमारी से मर चुके हैं। हालांकि पिछले 20 दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है और पहले से भर्ती सभी मरीज ठीक हो गए हैं, लेकिन डर और अनिश्चितता गांव को जकड़े हुए है।

Jammu Kashmir: 17 deaths in two months due to unknown disease in Rajouri | Jammu Kashmir: राजौरी में अज्ञात बीमारी से दो महीने में 17 मौतें

Jammu Kashmir: राजौरी में अज्ञात बीमारी से दो महीने में 17 मौतें

जम्मू: राजौरी के बडल गांव में रहस्यमयी मौतों को दो महीने से अधिक समय बीत चुका है, फिर भी अधिकारी त्रासदी का सही कारण निर्धारित करने में असमर्थ हैं। व्यापक जांच के बावजूद, स्थानीय लोग अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं। याद रहे 7 दिसंबर, 2024 से, कुल 17 लोग - जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं - एक अज्ञात बीमारी से मर चुके हैं। हालांकि पिछले 20 दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है और पहले से भर्ती सभी मरीज ठीक हो गए हैं, लेकिन डर और अनिश्चितता गांव को जकड़े हुए है।

पत्रकारों से बात करते हुए, स्थानीय निवासियों ने कहा कि सरकार के निवारक उपायों से संकट को रोकने में मदद मिली है, लेकिन वे मौतों के कारण के बारे में स्पष्टता की कमी को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने अधिकारियों से जांच में तेजी लाने का आग्रह किया ताकि उचित सुरक्षा उपाय किए जा सकें और बिना किसी डर के सामान्य जीवन फिर से शुरू हो सके।

जांच की धीमी गति पर निराशा व्यक्त करते हुए, स्थानीय लोगों ने कहा कि इस मुद्दे को स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में माना जाना चाहिए था और प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाना चाहिए था। वे कहते थे कि अंतर-मंत्रालयी प्रतिनिधिमंडल सहित उच्च स्तरीय टीमों के क्षेत्र का दौरा किए 20 दिन से अधिक समय बीत चुका है, फिर भी कोई ठोस निष्कर्ष साझा नहीं किया गया है।

पुलिस द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कई व्यक्तियों से पूछताछ की है, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला है। इस बीच, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने संक्रामक एजेंटों को कारण के रूप में खारिज कर दिया है और विषाक्त पदार्थों की संभावना पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एम्स दिल्ली और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने प्रभावित गांव का दौरा किया है, नमूने एकत्र किए हैं और वर्तमान में संभावित विषाक्त पदार्थों के लिए उनका विश्लेषण कर रहे हैं। 

एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि जीएमसी राजौरी के सभी मरीज अब ठीक हो गए हैं और उन्हें निगरानी वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। डाक्टर का कहना था कि प्रभावित व्यक्तियों को दिए गए एंटीडोट्स प्रभावी रहे हैं, लेकिन हमारे पास अभी भी मौतों के सटीक कारण के बारे में निर्णायक सबूत नहीं हैं। हम फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) से अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

वे कहते थे कि जांचकर्ताओं ने पहले ही एल्डीकार्ब, कैडमियम और अन्य लवणों जैसे विषाक्त पदार्थों पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी भी लंबित है। जिला प्रशासन स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है और आगे किसी भी तरह की घटना को रोकने के लिए गांव में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। 

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आगे कोई प्रगति नहीं हुई है और अधिकारी बदहाल के लोगों को घर लौटने की अनुमति देने से पहले सरकार की मंजूरी का इंतज़ार कर रहे हैं। अधिकारी कहते थे कि ठीक हो चुके मरीजों को फिलहाल उनके परिवार के सदस्यों के साथ अस्पताल के निगरानी वार्ड में रखा जा रहा है। हमें जल्द ही प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों से अंतिम रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद सरकार कोई फैसला लेगी।

Web Title: Jammu Kashmir: 17 deaths in two months due to unknown disease in Rajouri

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