LAC पर तनाव, किसी भी “दुस्साहस” का जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित, वायुसेना प्रमुख बोले- ‘न युद्ध न शांति’ की स्थिति

By भाषा | Published: September 29, 2020 01:25 PM2020-09-29T13:25:29+5:302020-09-29T13:43:10+5:30

वायुसेना प्रमुख ने कहा, “हमारी उत्तरी सीमा पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज, न युद्ध न शांति की स्थिति है। जैसा कि आप जानते हैं हमारे सुरक्षा बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं।”

Jammu and Kashmir Tension LAC respond "daredevil" Air Force chief "No war nor peace" | LAC पर तनाव, किसी भी “दुस्साहस” का जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित, वायुसेना प्रमुख बोले- ‘न युद्ध न शांति’ की स्थिति

वायुसेना अपने दुश्मनों के खिलाफ तकनीक बढ़त हासिल करे और उसे बरकरार रखे। (file photo)

Highlightsवायुसेना ने स्थिति पर तेजी के साथ प्रतिक्रिया दी है और वह क्षेत्र में किसी भी “दुस्साहस” का जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।हमारी उत्तरी सीमा पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज है जहां “न युद्ध न शांति” की स्थिति है।चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ हाल में वायुसेना में शामिल राफेल लड़ाकू विमानों ने वायुसेना की सामरिक और रणनीतिक क्षमता में पर्याप्त बढ़ोतरी की है।

नई दिल्लीः वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर लंबे समय से चल रहे गतिरोध के संदर्भ में कहा कि हमारी उत्तरी सीमा पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज है जहां “न युद्ध न शांति” की स्थिति है।

एक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि वायुसेना ने स्थिति पर तेजी के साथ प्रतिक्रिया दी है और वह क्षेत्र में किसी भी “दुस्साहस” का जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। वायुसेना प्रमुख ने कहा, “हमारी उत्तरी सीमा पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज, न युद्ध न शांति की स्थिति है। जैसा कि आप जानते हैं हमारे सुरक्षा बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं।”

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि पूर्व में हासिल किये गए सी-17 ग्लोबमास्टर, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ हाल में वायुसेना में शामिल राफेल लड़ाकू विमानों ने वायुसेना की सामरिक और रणनीतिक क्षमता में पर्याप्त बढ़ोतरी की है।

भारतीय एरोस्पेस उद्योग से जुड़े एक सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत में अहम कारक रहेगी। इसलिये यह जरूरी है कि वायुसेना अपने दुश्मनों के खिलाफ तकनीक बढ़त हासिल करे और उसे बरकरार रखे।”

फ्रांस में निर्मित पांच बहुउद्देशीय राफेल लड़ाकू विमानों को 10 सितंबर को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। विमानों का यह बेड़ा पिछले कुछ हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में उड़ान भर रहा है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हलके लड़ाकू विमान तेजस की दो स्क्वाड्रन और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों में कुछ स्वदेशी हथियारों को बेहद कम समय में लगाया जाना देश के स्वदेशी सैन्य उपकरण बनाने की क्षमता को दर्शाता है। 

Web Title: Jammu and Kashmir Tension LAC respond "daredevil" Air Force chief "No war nor peace"

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