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फिलहाल नहीं मिले जम्मू में सैन्य मुख्यालय पर गोलियां बरसाने वाले आतंकी, अब यह दोहराने की ताक में हैं दहशतगर्द

By सुरेश डुग्गर | Updated: December 30, 2018 16:45 IST

रविवार तड़के एक सैन्य शिविर में तैनात संतरी और संदिग्ध आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई और दोनों ओर से गोलीबारी हुई। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि संतरी ने देर रात 1.50 बजे के आसपास कालू चक इलाके के रतनूचक मिलिट्री स्टेशन के पास संदिग्ध गतिविधियां देखी। 

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दो दिनों में दो आतंकी हमलों से जम्मू दहशतजदा हो गया है। पहले आतंकियों ने जम्मू शहर के बस अड्डे पर ग्रेनेड हमला बोला और अब उन्होंने रतनूचक स्थित सेना के थर्ड इंडिपेंडेंट आर्म्ड ब्रिगेड सैन्य मुख्यालय पर हमला बोल कहर बरपाने की कोशिश की। हालांकि संतरी द्वारा जबावी कार्रवाई के बाद आतंकी भाग निकले पर खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि भागने वाले आतंकी अभी हाथ नहीं आए थे जिनकी तलाश में सैंकड़ों जवान खाक छान रहे हैं। अधिकारियों को आशंका है कि आतंकी सुंजवां और कालू चक दोहराने की ताक में हैं।

रविवार तड़के एक सैन्य शिविर में तैनात संतरी और संदिग्ध आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई और दोनों ओर से गोलीबारी हुई। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि संतरी ने देर रात 1.50 बजे के आसपास कालू चक इलाके के रतनूचक मिलिट्री स्टेशन के पास संदिग्ध गतिविधियां देखी। 

आनंद ने कहा कि संदिग्धों को चुनौती दी गई लेकिन वे नहीं रुके, इसके बाद संतरी ने चेतावनी देते हुए फायरिंग की। संदिग्धों ने भी पलटकर फायरिंग की और फिर फरार हो गए। संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है।

गोलीबारी के बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू हो गया। कुछ देर में राज्य पुलिस एसओजी व सुरक्षाबल भी मौके पर पहुंच गए व सुबह होते ही व्यापक तलाशी अभियान छेड़ दिया गया। पर गोलीबारी करने के बाद आतंकवादी भाग निकलने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने बताया कि भाग निकले संदिग्धों की धरपकड़ के लिए क्षेत्र में सेना का तलाशी अभियान जारी रहेगा।

इससे पहले इसी साल फरवरी में जम्मू के सुंजवां स्थित सेना के शिविर में हुए आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हुए थे। उस हमले में 6 जवान और तीन नागरिक भी घायल हुए थे। करीब तीस घंटे तक चले चले ऑपरेशन में सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया था। सुंजवां सैन्य शिविर पर यह दूसरा हमला था। खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरु की बरसी पर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की थी। अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी।

दरअसल पठानकोट-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जम्मू शहर का कालूचक सैन्य क्षेत्र आतंकवादियों के निशाने पर है। आतंकवादियों ने 14 मई 2002 को कालूचक सैन्य आवासीय क्षेत्र में फिदायीन हमला कर 36 सैनिकों व उनके परिवारजनों को शहीद कर दिया था। इस दौरान 48 सैनिक व उनके परिजन घायल हुए थे। हमला करने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए थे। अब एक बार आतंकवादियों ने इस इलाके के रतनूचक में सेना की ऑफिसर्स कॉलोनी के निकट वारदात करने की कोशिश की है।

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