Jammu and Kashmir Politics: गुलाम नबी आजाद की पार्टी से ‘आजाद’ होने जा रहे हैं सभी नेता?, कांग्रेस में होंगे शामिल

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 6, 2025 14:30 IST2025-02-06T14:29:25+5:302025-02-06T14:30:52+5:30

पूर्व विधायक ताज मोहिउद्दीन के नेतृत्व में नेता अगले कुछ दिनों में फिर से कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।

Jammu and Kashmir Politics All leaders going to be liberated Ghulam Nabi Azad's party existential threat is looming | Jammu and Kashmir Politics: गुलाम नबी आजाद की पार्टी से ‘आजाद’ होने जा रहे हैं सभी नेता?, कांग्रेस में होंगे शामिल

file photo

Highlightsनेताओं ने फिर से “बड़ी पुरानी पार्टी” में शामिल होने का फैसला किया है।ताज ने आजाद की पार्टी में शामिल होने के लिए अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। जम्मू या नई दिल्ली में बड़े पैमाने पर फिर से शामिल होने की उम्मीद है।

जम्मूः पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की पार्टी का अस्तित्व खतरे में है क्योंकि उनकी पार्टी के अधिकतर नेता पार्टी को छोड़ने जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना था कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का राजनीतिक सफर केंद्र शासित प्रदेश में अपने ‘अंतिम पड़ाव’ पर हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2022 में कांग्रेस छोड़ने वाले सभी नेताओं ने फिर से “बड़ी पुरानी पार्टी” में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ताज मोहिउद्दीन के नेतृत्व में नेता अगले कुछ दिनों में फिर से कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।

ताज ने आजाद की पार्टी में शामिल होने के लिए अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। बाद में उन्होंने पिछले साल अगस्त में पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की और फिर उड़ी निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे। बदलते घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस में फिर से शामिल होने का इरादा रखने वाले अन्य नेताओं में जीएम सरूरी, देवसर से मुहम्मद अमीन भट, अशोक कुमार, गुलजार अहमद वानी और अन्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह जम्मू या नई दिल्ली में बड़े पैमाने पर फिर से शामिल होने की उम्मीद है।

कांग्रेस में फिर से शामिल होने की उम्मीद रखने वाले कई नेताओं ने पिछले साल ही डीपीएपी से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले यह खबर दी जा चुकी थी कि 2024 के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद डीपीएपी अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही है। पार्टी की गतिविधियां ठप्प हो गई हैं, और आजाद खुद जम्मू कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य से असामान्य चुप्पी और अनुपस्थिति बनाए हुए हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir Politics All leaders going to be liberated Ghulam Nabi Azad's party existential threat is looming

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे