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जम्मू-कश्मीर: आतंक फैलाने की पाकिस्तान की नई रणनीति; हथियारों की ड्रोन के जरिए घाटी में आपूर्ति

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 29, 2023 14:46 IST

पाकिस्तान की इस नीति की पुष्टि वे सुरक्षाधिकारी कर रहे हैं जो पुंछ के भाटा धुलियां में हुए उस आतंकी हमले की जांच में जुटे हैं जिसमें भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान कर रहा साजिश पाकिस्तान घाटी में आतंकी और हथियारों की आपूर्ति के लिए बना रहा योजना भारतीय सुरक्षा बल आतंकियों की हरकतों को नाकाम करने के लिए सतर्क

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ रहे पाक परस्त आतंकवाद पर खुशी मनाने वाले सुरक्षाबलों के लिए नई परेशानी का सबब पाकिस्तान की वह रणनीति बन गई है।

जिसके तहत वह कश्मीर से आतंकियों को प्रदेश के अन्य शांत पड़े जिलों की ओर कूच करने लिए बोल रहा है। अन्य जिलों की ओर मुढ़ने वाले इन आतंकियों को हथियारों व गोला बारूद की आपूर्ति ड्रोन के माध्यम से करने का वायदा भी उसके द्वारा किया जा रहा है।

पाकिस्तान की इस नीति की पुष्टि वे सुरक्षाधिकारी कर रहे हैं जो पुंछ के भाटा धुलियां में हुए उस आतंकी हमले की जांच में जुटे हैं जिसमें भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।

इन अधिकारियों के बकौल, यह रणनीति चिंता का विषय है क्योंकि पाकिस्तान के इरादे बेहद खतरनाक हैं। इसकी पुष्टि पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह भी कर चुके हैं कि भाटा धुलियां के आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को हथियार व गोला बारूद वाया ड्रोन एलओसी के पार से पहुंचाए गए थे। 

हालांकि, इस बात पर पुलिस और सेना अब आमने-सामने है जिसमें यह आरोप-प्रत्यारोप लगाया जा रहा है कि सेना ड्रोनों द्वारा एलओसी पार से आने वाले हथियारों व गोला बारूद की सप्लाई को रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है।

एक अधिकारी के बकौल, कश्मीर में सुरक्षाबलों के दबाव के चलते आतंकी और हाइब्रिड आतंकी अब अन्य जिलों की ओर मुढ़ चुके हैं। पिछले साल जम्मू शहर व जम्मू जिले में दर्जनों आतंकी कमांडरों की गिरफ्तारियां इसका पुख्ता सबूत था कि आतंकियों को कश्मीर को छोड़ कर अन्य जिलों की ओर कूच करने की रणनीति पर अमल करने के लिए कहा गया था।

आधिकारिक तौर पर इसे माना गया है कि 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाने की कवायद के बाद आतंकियों पर जो दबाव कश्मीर में बनाया गया था। उसका परिणाम तो सामने था लेकिन इस बात को नजरअंदाज करने की कोशिश की गई कि आतंकी और हाइब्रिड आतंकी अन्य जिलों की ओर मुढ़ गए है।

इनमें स्थानीय तौर पर प्रशिक्षण देकर तैयार किए गए हाइब्रिड आतंकी भी शामिल हैं। जो पहले पत्थरबाज के तौर पर आतंकियों को मौखिक समर्थन देते थे।

पुलिस का मानना है कि ड्रोन द्वारा एलओसी और आईबी पार से हथियार व गोला बारूद इस ओर लाने में पाकिस्तानी ड्रोन लगातार कामयाब हो रहे हैं। उनका यह भी मानना था कि ऐसे कार्य के लिए अधिकतर मामलों में पाक सेना अब उन ड्रोनों का इस्तेमाल कर रही है।

जो न ही आवाज करते हैं और न ही उनमें लाइट जलती है। एक अधिकारी के बकौल, यह नई चुनौतियां बेहद खतरनाक माहौल पैदा कर रही हैं जिनसे निपटना फिलहाल मुश्किल हो रहा है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआतंकी हमलाआतंकवादीJammu
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