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पैसा 4जी का, स्पीड 2जी की, एक साल से चूना लगाया जा रहा जम्मू कश्मीर के उपभोक्ताओं को

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 24, 2020 8:28 PM

पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के साथ ही जम्मू कश्मीर में संचारबंदी हुई थी। जम्मू संभाग के लोगों को तो करीब दो महीनों के बाद इससे अधूरी मुक्ति मिली थी तो कश्मीरियों को कई महीनों के बाद। पर दोनों संभागों की जनता के साथ इस मुक्ति के साथ ही धोखा आरंभ हो गया।

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ठळक मुद्देआतंकियों और उनके समर्थकों के लिए इस स्पीड को घटाया गया था वे अपना कार्य इसी स्पीड पर भी कर रहे है।प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में भी माना है कि 2जी स्पीड सब कामों के लिए बेहतरी से कार्य कर रही है।धोखेबाजी की है जिसके लिए अप्रत्यक्ष तौर पर मोबाइल कंपनियों को प्रशासन का भी समर्थन प्राप्त है।

जम्मूः अगले कुछ दिनों में 5 अगस्त को पूरा एक साल हो जाएगा जबकि जम्मू कश्मीर की जनता ऐसे धोखे का शिकार हो रही है जिसमें उसे ऐसा चूना लगाया जा रहा है जिसकी सुनवाई कहीं नहीं है। दरअसल जम्मू कश्मीर में पिछले एक साल से मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से मोबाइल कंपनियां पैसा तो 4जी की स्पीड का ले रही हैं पर स्पीड 2जी की दी जा रही है।

पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के साथ ही जम्मू कश्मीर में संचारबंदी हुई थी। जम्मू संभाग के लोगों को तो करीब दो महीनों के बाद इससे अधूरी मुक्ति मिली थी तो कश्मीरियों को कई महीनों के बाद। पर दोनों संभागों की जनता के साथ इस मुक्ति के साथ ही धोखा आरंभ हो गया।

प्रदेश प्रशासन के निर्देश पर सुरक्षा के नाम पर मोबाइल कंपनियों ने डाटा स्पीड 2जी रखी। प्रशासन ने इसके पीछे बहुतेरे कारण गिनाए, लाजिक दिए। इस सच्चाई के बावजूद कि जिन आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए इस स्पीड को घटाया गया था वे अपना कार्य इसी स्पीड पर भी कर रहे है। इसे प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में भी माना है कि 2जी स्पीड सब कामों के लिए बेहतरी से कार्य कर रही है।

चर्चा इस स्पीड से कौन क्या कर रहा है की नहीं, बल्कि उस धोखेबाजी की है जिसके लिए अप्रत्यक्ष तौर पर मोबाइल कंपनियों को प्रशासन का भी समर्थन प्राप्त है। एक साल से मोबाइल कंपनियां जम्मू कश्मीर के लिए कोई अलग पैकेज नहीं बना सकीं। प्री पेड और पोस्टपेड कनेक्शनों का रिचार्ज या बिल 4 जी की स्पीड की दर से लिया जा रहा है। पर स्पीड 2 जी की है। इसके प्रति उपभोक्ता जब भी कंपनियों के अधिकारियों से बात करने की कोशिश करते हैं, वे सरकारी आदेश का हवाला देते हैं।

ऐसे में एक उपभोक्ता रोहित बनोत्रा कहते थे कि यह सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की जेब पर डाका है जिसमें सरकार भी शामिल है। हालांकि एक साल पूरा होने जा रहा है और केंद्र सरकार ने 4 जी के नाम पर हो रहे धोखे से जम्मू कश्मीर की जनता को मुक्ति दिलाने के प्रति कोई ठोस कदम उठाने से इंकार कर दिया है।

यह उसके सुप्रीम कोर्ट में दर्ज करवाए गए बयान से साबित होता है जिसमें उसने कहा है कि फिलहाल 2 महीनों तक 4 जी की समीक्षा नहीं की जा सकती। अर्थात जम्मू कश्मीर की जनता को 4 जी के खर्चे पर 2 जी स्पीड पर मिलने वाले धोखे को सहन करना ही होगा।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरसुप्रीम कोर्ट2जी नेटवर्क4जी नेटवर्कगृह मंत्रालय
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